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कोरोना मरीज के निधन के बाद अस्पताल में हंगामा करने वाले पर एक लाख का जुर्माना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते एक मरीज के निधन के बाद अस्पताल में उत्पात व डॉक्टर तथा नर्स के साथ बदसलूकी करनेवाले आरोपी को एक लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति भारती डागरे ने कहा कि डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य सेवक निस्वार्थ सेवा करने वाले कोराना योद्धा हैं। ये बहादुर मेडिकल सेना के सिपाही की भूमिका निभाते हैं। इनके साथ बदसलूकी करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि ये ऐसे समय बिना थके मानवता की सेवा में लगे हैं, जब लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है। न्यायमूर्ति ने कहा कि यदि डॉक्टरों को पुरस्कार नहीं दिया जाता, तो कम से कम उनके काम को पहचान व सम्मान जरुर मिलना चाहिए। बारामती के एक अस्पताल में काम करनेवाले डॉक्टर ने पिटाई का आरोप लगाते हुए आरोपी शिवाजी जाधव के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए समाजसेवक जाधव ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।
आवेदन में जाधव ने कहा था कि वह सिर्फ अपने रिश्तेदार की मौत का कारण जानने के लिए डॉक्टर के केबिन में गए थे। क्योंकि एक घंटे पहले अस्पताल में भर्ती उसके रिश्तेदार की तबियत ठीक थी। लेकिन एक घंटे बाद उसके रिश्तेदार को मृत घोषित कर दिया गया। जाधव ने कहा कि अचानक रिश्तेदार की मौत से सभी लोग सदमे में थे। भावावेश के कारण मेरी प्रतिक्रिया थोड़ी तल्खीपूर्ण हो गई। मेरा डॉक्टर के साथ बदसलूकी का कोई इरादा नहीं था। लेकिन न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी के कृत्य को सही नहीं माना जा सकता है। क्योंकि डॉक्टर व नर्स निस्वार्थ भाव से सेवा करनेवाले योद्धा हैं। चूंकि इस मामले में आरोपी की हिरासत मे लेकर पूछताछ की जरुरत नजर नहीं आती है, इसलिए 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। और एक लाख रुपए मुख्यमंत्री राहतकोष में जमा करने का निर्देश दिया जाता है।
Created On :   26 Oct 2020 8:44 PM IST