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जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व मैनेजर को हुई एक माह की सजा का पालन कराने सरकार बाध्य
डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि अवमानना के एक मामले में दोषी पाए गए पन्ना जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व मैनेजर अशोक कुमार शर्मा को दी गई एक माह की सजा का पालन कराने वह (सरकार) बाध्य है। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने पूर्व बैंक मैनेजर को 11 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान हाजिर होने कहा है, ताकि उनके पैरोकार का नाम स्पष्ट हो सके।
गौरतलब है कि बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी जानकी प्रसाद द्विवेदी ने अपने सेवानिवृत्ति लाभों को पाने के लिए वर्ष 2011 से मामले दायर करने शुरू किए। हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2014 के बाद से लगातार दिए गए आदेशों के बाद भी उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिए गए। इसके बाद वर्ष 2018 में श्री द्विवेदी ने दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की थी। उक्त मामले पर हाईकोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को अशोक कुमार शर्मा को अवमानना का दोषी पाते हुए एक माह की सजा सुनाई थी। इसका जिक्र उनकी सीआर में दर्ज करने के भी आदेश हाईकोर्ट ने सक्षम अधिकारी को दिए थे, साथ ही उन्हें कहा गया था कि वे अपनी जेब से याचिकाकर्ता जानकी प्रसाद द्विवेदी को दस हजार रुपए कॉस्ट के रूप में दें। अवमानना में दी गई सजा के फैसले पर पुनर्विचार करने यह याचिका वर्ष 2019 में दायर की गई थी। इस पुनर्विचार याचिका में श्री शर्मा ने दावा किया है कि कोर्ट द्वारा दिए गए पिछले आदेशों के दौरान वे जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक पन्ना में पदस्थ नहीं थे। ऐसे में उन्हें अवमानना के लिए दोषी ठहराए जाने के फैसले पर फिर से विचार किया जाए।
मामले पर आगे हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए अशोक कुमार शर्मा को 11 दिसंबर को हाजिर होने के निर्देश दिए, साथ ही सरकार को कहा है कि 5 अगस्त 2019 को दी गई सजा का पालन कराने वह बाध्य है।
Created On :   11 Dec 2019 4:48 PM IST