आपदा में अवसर : ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आड़ में लाखों  की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार

Opportunity in disaster: Fraud of lakhs exposed under the guise of oxygen concentrator, 3 accused arrested
आपदा में अवसर : ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आड़ में लाखों  की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार
आपदा में अवसर : ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आड़ में लाखों  की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क सतना। हरियाणा के गुरग्राम के एक जरुरत मंद कोरोना संक्रमित को ऑनलाइन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की आड़ में डेढ़ लाख की ठगी के साथ पुलिस ने लाखों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अभी 2 आरोपी फरार हैं। आरोपियों के खिलाफ कोलगवां थाने में आईपीसी की दफा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। अभी तक की जांच में आरोपियों के 2 बैंक खातों में 16 लाख की धोखाधड़ी सामने आई है।  यह लेनदेन मार्च से अब तक दूसरे राज्यों से किया गया था। दोनों बैंक खाते होल्ड करा दिए गए हैं। एसपी को आशंका है धोखाधड़ी का यह बड़ा मामला है। 

टेलीग्राम चैनल से धोखाधड़ी :------
 पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि गुरग्राम के कोरोना संक्रमित सौरभ अरोड़ा को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरुरत थी। इस सिलसिले में उन्होंने पुणे की अपनी एक परिचित श्रद्धा साईं से संपर्क किया। श्रद्धा ने गूगल पर सर्च किया तो उन्हें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की ऑनलाइन डिलेवरी करने वाली एक कंपनी कोविड एनसीआर ग्रुप मिली। श्रद्धा ने उस पर मैसेज डाला तो टेलीग्राम चैनल की एक लिंक  दी गई। टेलीग्राम के नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें भुवनेश्वरी इंटर प्राइजेज की लिंक विजिट करने की सलाह दी गई। लिंक में एक फेसबुक पेज भी मिला। जिसमें विश्वास जीतने के लिए भुवनेश्वरी इंटर प्राइजेज का जीएसटी नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर भी अंकित था। फर्म का पता 575 सी, नियर दमंयती बेहेराशाही नायापल्ली भुवनेश्वर लिखा हुआ था। प्रासेस करने पर 5 मई को काशी कुमार पाटनिक नंबर शख्स ने उनसे बात की और डेढ़ लाख रुपए एडवांस में ऑनलाइन पेमेंट करने की सलाह दी। श्रद्धा साईं ने यह बात सौरभ अरोड़ा को बताई तो उन्होंने बताए गए एकाउंट पर ऑनलाइन पेमेंट कर दिया। पेमेंट के बाद वह मोबाइल नंबर बंद हो गया, जिसमें ठग बात किया करते थे।  
और, सामने आया सतना कनेक्शन :---- 
यहीं से सौरभ और श्रद्धा को शक हुआ। उन्होंने मामले की ऑनलाइन शिकायत गुरग्राम पुलिस से की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सौरभ और श्रद्धा ने अपने स्तर पर बैंक एकाउंट की खोज खबर की तो यह बैंक खाता केनरा बैंक सतना का निकला। सौरभ अरोड़ा ने यहां सीएसपी विजय प्रताप सिंह से संपर्क साधा और इस तरह से ठगी का मामला एसपी धर्मवीर सिंह के संंज्ञान में आया। उन्होंने मामले की जांच जब साइबर सेल के साथ एसआईटी को सौंपी तो कोलगवां थाना अंतर्गत जीवन ज्योति कालोनी निवासी 24 वर्षीय ठग अक्षय पिता प्रेम बलेचा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसी की निशानदेही पर शुभम पिता अमरनाथ चौरसिया (27) निवासी सिद्धार्थनगर और  शुभम पिता दीपक सोनी (24) निवासी सिंधी कैंप भी पकड़ में आ गए। पुलिस ने बताया कि अभी इस मामले के 2 आरोपी मिक्की सरदार पिता हरविंदर सिंह निवासी चाणक्यपुरी कालोनी और भरत बलेचा पिता प्रेम बलेचा निवासी जीवन ज्योति कालोनी फरार हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।  
एसआईटी को सौंपी गई जांच :-----
 ऑनलाइन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीदी में धोखाधड़ी के इस गंभीर मामले की जांच और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी का जिम्मा एडीशनल एसपी सुरेन्द्र जैन के नेतृत्व में गठित एसआईटी को सौंपी गई है। एसआईटी में सीएसपी विजय प्रताप सिंह ,कोलगवां टीआई देवेन्द्र सिंह, साइबर सेल इंचार्ज अजीत सिंह, सब इंस्पेक्टर दशरथ सिंह (सिविल लाइन) , सब इंस्पेक्टर रुपेन्द्र राजपूत (सिटी कोतवाली)  सब इंस्पेक्टर एनपी मिश्रा (कोलगवां) और डीएसबी के हेड कांस्टेबल अरुणेन्द्र सिंह शामिल हैं। उल्लेखनीय है, कोविड से संबंधित दवाओं, इंजेक्शन और जीवन रक्षक उपकरणों की जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही के लिए एसपी धर्मवीर सिंह ने  स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम बना रखी है। 

Created On :   13 May 2021 6:49 PM IST

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