निर्भया फंड से खरीदे वाहनों को शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों की सुरक्षा में लगाने से भड़का विपक्ष 

Opposition infuriated by putting vehicles bought from Nirbhaya Fund under the protection of MPs and MLAs of Shinde faction
निर्भया फंड से खरीदे वाहनों को शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों की सुरक्षा में लगाने से भड़का विपक्ष 
पाटील ने पूछा निर्भया फंड से खरीदे वाहनों को शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों की सुरक्षा में लगाने से भड़का विपक्ष 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्भया फंड से मुंबई पुलिस द्वारा खरीदे गए वाहनों का इस्तेमाल सत्तारूढ़ बालासाहेबांची शिवसेना के सांसदों और विधायकों को वाई-प्लस सुरक्षा के लिए जाने से विपक्ष भड़क गया है। विपक्ष के तीनों दलों ने शिंदे-फडणवीस सरकार को घेर लिया है। रविवार को राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार को बालासाहेबांची शिवसेना के विधायकों और सांसदों की सुरक्षा राज्य की महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण लगती है क्या? शिंदे टोली के विधायकों और सांसदों को वास्तव में किसका डर है? पाटील ने कहा कि वाहनों को संबंधित पुलिस स्टेशनों में वापस भेज दिया जाना चाहिए। जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि निर्भया फंड के जरिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए वाहन खरीदे गए थे। लेकिन इन वाहनों का इस्तेमाल शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों के लिए हो रहा है। इन विधायकों और सांसदों ने पहले शिवसेना और राज्य की जनता के साथ गद्दारी की है। अब केंद्र सरकार और महिलाओं के साथ गद्दारी करके निर्भया फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। जबकि प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए खरीदी वाहनों का इस्तेमाल सत्तारूढ़ विधायकों और सांसदों के लिए किया जा रहा है। शिंदे-फडणवीस सरकार में थोड़ी भी शर्म नहीं बची है क्या? दरअसल केंद्र सरकार की ओर से साल 2013 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध से लड़ने के लिए निर्भया फंड की स्थापना की गई थी। जिसके तहत हर राज्य सरकारों को निर्भया फंड उपलब्ध कराया जाता है। मुंबई पुलिस ने बीते जून महीने में निर्भया फंड से मिले 30 करोड़ रुपए से अधिक राशि से 220 बोलेरो, 33 एर्टिगा, 313 पल्सर बाइक और 200 एक्टिवा खरीदा था। जिसके बाद इन वाहनों को जुलाई महीने में 97 पुलिस स्टेशन, साइबर सेल, यातायात पुलिस और तटीय पुलिस को बांट दिया गया था। बाद में मोटर परिवहन विभाग ने राज्य पुलिस के वीआईपी सुरक्षा विभाग के एक आदेश पर मुंबई पुलिस से 47 बोलेरो (वाहन) को मांगा था। इन वाहनों का इस्तेमाल शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों को वाई-प्लस सुरक्षा प्रदान करने के लिए मांगा गया था। फिलहाल सांसदों और विधायकों की सुरक्षा में इस्तेमाल किए जाने वाले 17 बोलेरो को संबंधित पुलिस स्टेशन को वापस लौटा दिया गया है। जबकि 30 बोलेरो अभी तक वापस नहीं की गई है। 
 

Created On :   11 Dec 2022 10:07 PM IST

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