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एक दिन में वेदांता-फॉक्सकॉन की जानकारी मिलने पर विपक्ष ने उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। वेदांता- फॉक्सकॉन परियोजना और टाटा-एयरबस परियोजना को लेकर आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) ने एक ही दिन में दे दिया। इसको लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता संतोष गावडे ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) से दोनों परियोजनाओं के बारे में 31 अक्टूबर 2022 को जानकारी मांगी थी।
एमआईडीसी ने गावडे को उसी दिन यानी 31 अक्टूबर 2022 को ही आरटीआई के तहत पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिया। नियमों के अनुसार आरटीआई के तहत मांगी जानकारी का जवाब संबंधित सरकारी विभाग को 30 दिनों के भीतर देना पड़ता है। मगर एमआईडीसी द्वारा कुछ ही घंटों में आरटीआई का जवाब देने के लिए दिखाई गई फुर्ती पर विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। आरटीआई के विभिन्न सवालों पर एमआईडीसी की ओर से दिए गए जवाब से ऐसा प्रतीत रहा है कि वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना के लिए तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए थे। टाटा-एयरबस परियोजना के लिए एमआईडीसी के पास कोई पत्र नहीं है।
एमआईडीसी ने दी गलत जानकारी
बुधवार को विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि शिंदे सरकार वेदांता- फॉक्सकॉन परियोजना के बारे में भ्रमित कर रही है। एमआईडीसी ने आरटीआई के तहत गलत जानकारी प्रदान की है। यह तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार को बदनाम करने की साजिश है। यदि वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना पहले ही गुजरात चली गई थी तो फिर नई सरकार बनने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने परियोजना के संबंध में बैठक क्यों की थी?
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि शिंदे सरकार की नाकामी के चलते दोनों परियोजनाएं गुजरात में चली गई है। लेकिन उपमुख्यमंत्री की ओर से परियोजना गंवाने का ठिकरा पूर्व की महाविकास आघाड़ी पर फोड़ने की कोशिश की जा रही है।
एक दिन में कैसे मिल गया आरटीआई में जवाब
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मुझे आश्चर्य हो रहा है कि एमआईडीसी ने एक दिन के भीतर आरटीआई का जवाब कैसे दे दिया। ऐसा लगता है कि एमआईडीसी के उत्तर का ड्राफ्ट पहले से तैयार था। एमआईडीसी को केवल आरटीआई के आवेदन का इंतजार था। सावंत ने कहा कि आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले गावडे किससे संबंधित हैं। यह भी सामने आना चाहिए। सावंत ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में हिम्मत है तो उन्हें शिवसेना (उद्धव ठाकरे) विधायक आदित्य ठाकरे का सामना करना चाहिए।
आरटीआई जवाब में क्याॽ
दूसरी ओर आरटीआई के जवाब में एमआईडीसी ने बताया है कि वेदांता ने परियोजना लगाने के लिए 14 मई 2022 को पत्र दिया था। इसके बाद शिंदे सरकार बनने के बाद इस परियोजना के संबंध में 15 जुलाई 2022 को राज्य के मुख्य सचिव मुनू कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति बैठक हुई। एमआईडीसी के पास टाटा-एयरबस परियोजना के बारे में केंद्र सरकार को लिखा गया कोई पत्र भी नहीं है।
Created On :   2 Nov 2022 8:45 PM IST