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नए साल में संतरा नगरी को मिलेगा 100 पलंग का अस्पताल, 4 जगह बनेंगे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल हब के नाम से जाना जाने वाले महानगर को नए साल एक नई सौगात मिलने जा रही है। महानगर में दो सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलावा 100 पलंग का जिला अस्पताल भी आकार लेने में लगा हुआ है। जिसका लाभ गरीब मरीजों को मिलना तो तय है साथ ही शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) व इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) पर मरीजों का दवाब कम होगा। मानकापुर स्थित प्रादेशिक मनोरुग्णालय के पास 100 पलंग का जिला अस्पताल बनाया जा रहा है, जो करीब 50 फीसदी बन चुका है। हालांकि अस्पताल के लिए अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्टॉफ को हरी झंडी नहीं मिली है, जिस वजह से शुरुआत में विभागों को लेकर स्थिति साफ नहीं है। स्वास्थ्य विभाग का सिर्फ महिलाओं के लिए डागा स्मृति शासकीय स्त्री रुग्णालय है। काफी समय से जिला अस्पताल बनाने की चर्चा चल रही थी, जिसके बाद पिछले साल जिला अस्पताल को बनाने का काम आरंभ हो गया। अस्पताल में विशेषज्ञ विभागों में मेडिसिन, सर्जरी, हड्डी रोेग विभाग सहित अन्य विभाग शामिल होंगेे। वहीं बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), ऑपरेशन थियेटर, रक्तकोष, एक्स-रे, पैथोलॉजी सहित अन्य जांच के विभाग, मेडिकल स्टोर व दवा स्टोरेज आदि रहने वाला है। विशेष बात यह है कि शहर में अभी तक जिला अस्पताल नहीं था। 100 पलंग वाले जिला अस्पताल का निर्माण कार्य 2 मई 2018 से आरंभ हो चुका है और मई 2020 में पूरा हो जाएगा। 12.72 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले दो मंजिला जिला अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय भी बन रहा है। वर्तमान में सिविल सर्जन कार्यालय मेयो में है, जिसे स्थानांतरित किया जाएगा। डॉ. देवेन्द्र पातुरकर, सिविल सर्जन के मुताबिक जिला अस्पताल के लिए अभी तक स्टॉफ को मंजूरी नहीं मिली है। नया अस्पताल होने के कारण जैसे ही उसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो जाएगा तो उसके स्टॉफ को भी मंजूरी मिल जाएगी। विभागों को लेकर अभी संशय बना हुआ है क्योंकि उप जिला अस्पताल भी 100 पलंग का होता है हालांकि विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्साें के विभाग रहेंगे।
महानगर में 4 जगह बनेंगे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन
इसके अलावा महानगर में शीघ्र ही चार स्थानों पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन खुलेंगे। मौसम विभाग की तरफ से इसके लिए हरी झंडी मिल गई है। इसके अलावा एक मैन्युअल आब्जरवेटरी भी शुरू होगी। फिलहाल शहर के मौसम का हाल एयरपोर्ट परिसर से ही लिया जाता है। एक ही जगह से डाटा लेने से कई बार शहर के विविध क्षेत्रों में मौसम की अलग स्थिति रहती है। एयरपोर्ट परिसर में प्रादेशिक मौसम विभाग का आफिस है और तापमान, बारिश, सर्द हवा संबंधी जानकारी लेने के लिए इसी परिसर में उपकरण लगाए गए हैं। मौसम का जो हाल एयरपोर्ट परिसर में होता है, अमूमन उसीतरह का हाल शहर का होने का अनुमान लगाया जाता है। कई बार अनुमान सही नहीं हो पाते। शहर के एक हिस्से में बारिश होती है, तो दूसरे हिस्से में बारिश नहीं होती। इसीतरह एक जगह तापमान ज्यादा महसूस होता है, तो दूसरे हिस्से में तापमान में कमी महसूस होती है। क्षेत्र के हिसाब से मौसम में थोड़ा-बहुत परिवर्तन होते रहता है। एम. एल. शाहू, उपमहानिदेशक, प्रादेशिक मौसम विभाग के मुताबिक केंद्रीय मौसम विभाग ने चार जगह ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन खडे करने को मंजूरी दी है। इसके लिए जरूरी निधी भी मंजूर हो गई है।
Created On :   10 Oct 2019 10:42 PM IST