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आंदोलनों में भाग लेने की वजह से सांसदों-विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी पेश करने का आदेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ऐसे मौजूदा व पूर्व सांसद तथा विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी मांगी है जिनके खिलाफ इसलिए मामला दर्ज किया गया है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक प्रदर्शन अथवा रास्ता रोको आंदोलन में हिस्सा लिया था। कोर्ट ने कहा कि इन मामलों की जानकारी हमारे सामने रखी जाए। ताकि हम देख सके कि सरकार को किन मामलों को वापस लेने की इजाजत दी जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एसके शिंदे ने 21 मार्च 2022 को राज्य के महाधिवक्ता को उपरोक्त जानकारी रिकार्ड में लाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि हमे मौजूदा व पूर्व सांसदों तथा विधायकों के ऐसे मामलों की विस्तृत जानकारी दी जाए। जिनके मुकदमों की सुनवाई पर रोक हाईकोर्ट अथवा सत्र न्यायालय के अंतरिम आदेश के चलते लगी है। हालांकि सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कुंभकोणी ने एक सूची पेश की जिसमें 26 मामले ऐसे थे। जिनकी सुनवाई पर रोक लगाई गई है। इसमें से दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी। खंडपीठ ने कहा कि इन दोनों मामलों को सूची से हटा दिया जाए। खंडपीठ ने कहा कि इस सूची में इसकी जानकारी नहीं है किस आदेश के चलते हाईकोर्ट व सत्र न्यायलय ने मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाई है। इसलिए हमारे सामने विस्तृत जानकारी पेश की जाए। ताकि हम यह तय कर सके किस मामले की सुनवाई प्राथमिकता से की जाए।
इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता श्री कुंभकोणी ने कहा कि कोर्ट के पिछले आदेश के बाद कई विधायकों व सांसदों ने सार्वजनिक प्रदर्शन के चलते दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए सरकार से संपर्क किया है। सरकार की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया है जिसके तहत सांसद व विधायक के जिन रास्ता रोको आंदोलन व सार्वजनिक प्रदर्शन में हिस्सा लेने के चलते सार्वजनिक संपत्ति व मानव जीवन का नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे मामलों को लेकर सांसद व विधायक के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार इस मामले को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट में गई थी लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मामले वापस लेने की अनुमति देने से मना कर दिया और कहा कि सरकार को इसके लिए हाईकोर्ट में जाना चाहिए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि राज्य के महाधिवक्ता इस विषय से जुड़ी जानकारी व आकड़े हमारे सामने रखे हम अपराध की गंभीरता को देखने के बाद मामले में आदेश जारी करेंगे। गौरतलब है कि कोर्ट ने इस मामले का स्वंय संज्ञान लिया है। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश की गई सूची के मुताबिक राज्य भर में मौजूदा व पूर्व विधायक के खिलाफ कुल 496 मामले प्रलंबित हैं।
Created On :   8 March 2022 8:52 PM IST