एसटी कर्मचारियों की मांगों को लेकर मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की राय पेश करने का आदेश

Order to present opinion of CM on the report of CS regarding demands of ST employees- HC
एसटी कर्मचारियों की मांगों को लेकर मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की राय पेश करने का आदेश
हाईकोर्ट का निर्देश  एसटी कर्मचारियों की मांगों को लेकर मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की राय पेश करने का आदेश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम(एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी कीरिपोर्ट व उसकी  सिफारिशों पर राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की राय अथवा मत को बंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद आठ नवंबर 2021 को यह कमेटी गठित की थी। एसटी कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारी के समान माना जाए। इसकों लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल भी शुरु की। कोर्ट के आदेश के बावजूद जब एसटी कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो एसटी महामंडल ने हाईकोर्ट में न्यायालय के अवमानना की याचिका दायर की थी। इस बीच कर्मचारियों के कई संगठनों ने हड़ताल वापस भी ले ली और काम पर लौट आए। जिसे देखते हुए कोर्ट ने कमेटी को एसटी कर्मचारियों की मांग को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। एसटी महामंडल के वकील जीएस हेगड़े के मुताबिक एसटी के कुछ कर्मचारी अभी भी काम पर नहीं लौटे है वे अभी भी हड़ताल पर हैंजबकि यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली है। 

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एससी नायडू ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के तहत कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौप दी है। इस मामले में सही दिशा में कार्य हो रहा है। रिपोर्ट पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री को 18 फरवरी 2022 तक का समय दिया जाए। इसके बाद रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाएगा। हालांकि कोर्ट में यह रिपोर्ट 5 फरवरी तक सौपी जानी थी। 

अधिवक्ता नायडू की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार 8 नवंबर 2021 को कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के पालन की दिशा में कदम उठा रही है। सरकार ने जो अतिरिक्त समय मांगा है वह काफी लंबा नहीं है। इसलिए हम अधिवक्ता नायडू के आग्रह को स्वीकार करते हैं। खंडपीठ ने फिलहाल राज्य सरकार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट और इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की राय 18 फरवरी तक सील बंद लिफाफे मेंकोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है और 22 फरवरी 2022 को याचिका पर अगली सुनवाई रखी है। 

 

Created On :   12 Feb 2022 5:34 PM IST

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