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देश में कोरोना का पहला मरीज मिलते ही सतर्क हो गई थी हमारी सरकार
कोविड-19 से निपटने सरकार की कार्यप्रणाली को चुनौती देने वाली याचिका पर पूर्व वित्त मंत्री ने पेश किया ब्यौरा, हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 27 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाने वाली याचिका पर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने अपना शपथ पत्र पेश कर दिया है। पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से की गई आपत्ति पर भनोत ने कहा है कि 30 जनवरी को देश में कोरोना का मरीज मिलते ही उनकी सरकार सतर्क होने वाली पहली राज्य सरकार थी। 11 पन्नों के हलफनामे में श्री भनोत ने बिन्दुवार जानकारियां पेश की हैं। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने उक्त हलफनामे को रिकार्ड पर लेने के निर्देश देकर अगली सुनवाई 27 मई को निर्धारित की है।
तरुण भनोत की ओर से दायर इस जनहित याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आपत्ति लेकर कहा गया था कि याचिकाकर्ता पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी थे। पहले उन्हें बताना चाहिए कि उनके द्वारा क्या कदम उठाए गए थे। इस पर ईमेल के जरिए हाईकोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में याचिकाकर्ता भनोत का दावा है कि उनका मकसद राजनीति करना नहीं है। उन्होंने इस याचिका में सिर्फ वे मुद्दे उठाए हैं, जो कोरोना से निपटने के लिए काफी अहम हैं। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव हाजिर हुए।
Created On :   6 May 2020 2:44 PM IST