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फूड प्वॉइजनिंग का शिकार 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स, प्रशासन में हड़कंप

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। डुमना रोड स्थित ITDM कॉलेज के 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए हैं। सभी ने कॉलेज की कैंटीन में खाना खाया था। आनन-फानन में सभी को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती कुछ छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है। खबर लगते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया।
दरअसल बुधवार रात 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने कैंटीन में खाना खाया था। इसके बाद सभी को पेट दर्द,उल्टी होने लगी। बीमार छात्रों का कहना था कि खाना खाने के बाद पेट दर्द, उल्टियां होने की शिकायत हुई। पहले तो छात्रों ने इसे साधारण समझा, लेकिन जब पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी तो प्रबंधन में हड़कंप मच गया। छात्रों ने बताया कि बुधवार रात खाने में दाल, चावल, रोटी के साथ कोफ्ते की सब्जी बनी थी। छात्रों ने कोफ्ते की सब्जी खराब होने की बात कही है। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी के निर्देश पर खाद्य विभाग के अधिकारी रात में ही मेस की जांच करने पहुंचे। इस पूरे मामले में कॉलेज प्रबंधन का कोई भी जिम्मेदार कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। वहीं सीएमओ मुरली अग्रवाल ने बीमार छात्रों के इलाज के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।
खराब पनीर खाने से बिगड़ी तबियत
मेस की जांच करने पहुंचे खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी अमरीश दुबे ने बताया कि जांच में बुधवार रात का खाना तो नहीं मिला, लेकिन मेस में रखा पनीर जब्त किया गया है। इस पनीर का उपयोग मलाई कोफ्ते में भी हुआ था। उन्होंने बताया कि मेस में मिली खाद्य सामग्री का नमूना लिया गया है। मेस में बने मलाई कोफ्ते में पनीर, आलू और मक्के के आटे का उपयोग किया गया था। जबलपुर ट्रिपल आईटी मेस के मैनेजर हृदयनाथ द्विवेदी ने बताया कि हरी सब्जियां व कुछ जरूरी खाद्य सामग्री यहां से खरीदी जाती है, बाकी सब सामान नागपुर से आता है।
कई बार कर चुके हैं शिकायत
छात्रों का कहना है कि कई बार खाने की खराब क्वॉलिटी की शिकायत प्रबंधन से की जा चुकी है। प्रबंधन ने उनकी शिकायतों पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इस घटना से रात में काॅलेज के करीब 250 छात्रों ने डायरेक्टर प्रो. प्रमोद कुमार जैन व डीन से इस संबंध में चर्चा करनी चाही, लेकिन दोनों अधिकारियों ने कोई बात नहीं की।
कलेक्टर ने जाना हाल
फूड प्वॉइजनिंग से बीमार छात्रों का हाल जानने कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी सिटी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को समुचित उपचार के निर्देश देते हुए छात्रों से बात भी की। कुछ छात्र वायरल फीवर से पीड़ित थे, जिस पर कलेक्टर ने कीट वैज्ञानिकों को संस्थान परिसर का निरीक्षण करने भेजा है। सिविल सर्जन डॉ. एके सिन्हा ने बताया कि 38 छात्र निजी व सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। इनमें कुछ विक्टोरिया अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद चले गए।
Created On :   11 Aug 2017 10:50 AM IST