भंडारा में भीगा करोड़ों का धान , बेमौसम बारिश से हुआ भारी नुकसान 

Paddy worth billions drenched in Bhandara, heavy losses due to unseasonal rains
भंडारा में भीगा करोड़ों का धान , बेमौसम बारिश से हुआ भारी नुकसान 
भंडारा में भीगा करोड़ों का धान , बेमौसम बारिश से हुआ भारी नुकसान 

डिजिटल डेस्क,  (भंडारा)। महाराष्ट्र राज्य को ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन की दिशाहीन नीति के चलते साकोली व तुमसर तहसील समेत संपूर्ण जिले के समर्थन मूल्य धान खरीद केंद्रों पर बेचने के लिए लाए गए धान  बेमौसम बारिश के कारण भीग गए। केंद्र पर धान की गिनती नहीं होने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। 

महाराष्ट्र राज्य को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन साकोली तहसील में 7  समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र शुरू किए गए। इन केंद्रों पर गत एक माह से धान की खरीदी शुरू है। सभी केंद्रों के गोदाम खचाखच भरे हुए हैं। यही हाल साकोली की श्रीराम राइस मिल का है। किसानों ने अपने धान बेचने के लिए बोरे राइस मिल के परिसर में लाकर रखे थे। जिस धान की गिनती राइस मिल नहीं करती है। उस धान की जिम्मेदारी संबंधित किसान की खुद की होती है। यदि बेमौसम बारिश होती है या चोरी होती है तो किसानों को नुकसान वहन करना होता है। इसके लिए राइस मिल तथा संबधित संस्था जिम्मेदार नहीं रहती।

 महाराष्ट्र राज्य को ऑपरेटिव मार्केटिंग फेरडरेशन की उपेक्षित नीति के चलते गत एक माह से तहसील के समर्थन मूल्य धान खरीद केंद्र पर खरीदे गए धान को पिसाई के लिए नहीं उठाया गया। इस कारण किसानों ने बेचने के लिए रखा हुए धान का नुकसान हुआ। धान पिसाई के लिए उठाना मार्केटिंग फेडरेशन की जिम्मेदारी है। मार्केटिंग फेडरेशन ने खरीदा हुआ धान समय समय पर उठा लिया होता तो ऐसी नौबत नहीं आती। 

तुमसर में हजारों बोरे हुए गीले
विदर्भ के सबसे बड़े चावल बाजार तुमसर कृषि उपज मंडी में रखे हुए हजारों धान के बोरे बेमौसम बारिश की चपेट में आ गए। इस कारण किसानों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ। इसके बाद कृषि उपज मंडी के प्रशासन के विरुद्ध किसानों ने तीव्र नाराजगी जताई। तहसील के हजारों किसानों ने समर्थन मूल्य धान खरीद केंद्र पर धान बेचने के लिए तुमसर के कृषि उपज मंडी में लाया है। धान की आवक ज्यादा होने से धान खरीदी केंद्र पर धान की गिनती समय पर नहीं हो पाई। बुधवार की रात हुई बेमौसम बारिश से धान के हजारों बोरे गीले हो गए। किसानों ने कृषि मंडी में खुले पड़े अपने धान का तिरपाल से ढंकने का काम खुद किया। कृषि मंडी की ओर कोई मदद नहीं मिलने पर किसानों ने तीव्र नाराजगी जताई। बाजार समिति की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग किसानों ने की है। 

Created On :   27 Dec 2019 10:21 AM GMT

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