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पंकजा मुंडे ने कहा- हम नाराज नहीं हैं, बहन को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर सफाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने अपनी छोटी बहन तथा बीड़ से सांसद प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न करने को लेकर नाराजगी की अटकलों के पर चुप्पी तोड़ी है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में पंकजा ने कहा कि प्रीतम को मोदी सरकार में मंत्री न बनाए जाने से हम नाराज नहीं हैं। हालांकि इस दौरान प्रीतम को केंद्र सरकार में मंत्री न बनाए जाने कापंकजा का दर्द छलका। उन्होंने कहा कि प्रीतम को मौका न दिए जाने से मेरे मन में कोई नाराजगी नहीं है लेकिन मेरे समर्थकों में नाराजगी है। पंकजा ने कहा कि जो नेता जनता के बीच में रहकर काम करता है उस पर समर्थकों का दबाव रहता है। जो हमारे कई सालों से वोटर हैं उनका भी दबाव होता। इसलिए स्वभाविक रूप से समर्थकों में नाराजगी है। मैं इसको कैसे नकार सकती हूं?
पंकजा अपने पिता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत गोपीनाथ मुंडे को याद करते हुए भावुक हो गई। पंकजा ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले संभावित नामों मेंप्रीतम का भी नाम था। केवल गोपीनाथ की बेटी के रूप में नहीं बल्कि वे रिकॉर्ड वोटों से चुनाव भी जाती थीं। प्रीतम बहुजन चेहरा और युवा हैं। पार्टी के लिए उन्होंने काम किया है। इसलिए संभावित नामों में उनके नाम की चर्चा थी। प्रीतम के अलावा नंदूरबार की भाजपा सांसद हीना गावित के नाम की भी चर्चा थी। लेकिन आखिर में नए नाम सामने आए जिन्हें मंत्री बनाया गया।
पंकजा ने कहा कि भाजपा के राज्यसभा सांसद भागवत कराड को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बनाया गया है। मैं समझती हूं कि वे भी मुंडे परिवार के ही हैं। कराड को मेरे पिता गोपीनाथ ने ही राजनीति में स्थापित किया था। इसलिए मैं कराड को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज नहीं हूं। महाराष्ट्र से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल चार में से तीन मंत्रियों के मूल रूप से दूसरे दलों के होने के सवाल पर पंकजा ने कहा कि पार्टी ने सोच समझकरफैसला लिया होगा। नए लोगों में कुछ गुण होगा जो पार्टी के हित का होगा।
पंकजा ने कहा कि भाजपा नेपिछले साल विधान परिषद में भी नए-नए लोगों को भेजने का फैसला किया गया था। पार्टी को लगता होगा कि दूसरे दलों के आए नेताओं से भाजपा की ताकत बढ़ रही है। भाजपा की ओर से दरकिनार करने के सवाल पर पंकजा ने कहा कि राजनीति मेरे लिए व्यवसाय नहीं बल्कि एक व्रत है। पिता गोपीनाथ के निधन के बाद मेरे लिए यह व्रत और कठिन हो गया है। विधान परिषद में भेजकर राजनीतिक पुनर्वास न किए जाने के सवाल पर पंकजा ने कहा कि मेरे घर में बाढ़ नहीं आई है। मैं किसी पर आश्रित नहीं हूं। पंकजा ने कहा कि पार्टी ने मुझे विधान परिषद का फार्म भरने को कहा था। इसके बाद पार्टी ने रमेश कराड को विधान परिषद में भेजने का फैसला किया है। मुझे यह फैसला स्वीकार था और अब भी पार्टी का निर्णय मंजूर है।
प्रीतम को मंत्री न बनाए जाने से ओबीसी नाराजः शेंडगे
दूसरी ओरपूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे ने कहा कि प्रीतम को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से ओबीसी समाज में नाराजगी फैली है। उन्होंने कहा कि भाजपाने बहुजन समाज के नेताओं के साथ जो किया वो पूरे महाराष्ट्र को मालूम है। मुझे उम्मीद है कि भाजपा ऐसी नौबत पंकजा के साथ नहीं आने देगी।
पंकजा को सबसे अधिक खुशी हुई होगी- फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गोपीनाथ नेकराड का नेतृत्व तैयार किया था। इसलिए कराड को राज्य मंत्री बनाए जाने से जितनी खुशी भाजपा के दूसरे कार्यकर्ताओं और मुझे हुई है उससे अधिक खुशी पंकजा को हुई होगी क्योंकि कराड मुंडे परिवार के हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामनामें आलोचना किए जाने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि शिवसेना हमारी शुभचिंतक थोड़ी है। मुझे सामना में की गई टिप्पणी परकोई आश्चर्य नहीं है।
पंकजा के राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश- शिवसेना
प्रदेश में सत्ताधारीशिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीयमें कहा गया कि प्रीतम मुंडे के बजाय कराड को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना पंकजा के राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश है। इस पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने पुणे में कहा कि राजनीतिक गलियारोंमें ऐसी चर्चा है कि पंकजा को सबक सिखाने के लिएकराड को मौका दिया गया है। राऊत ने कहा कि पंकजा के पिता गोपीनाथ की महाराष्ट्र के सोशल इंजीनियरिंग में भूमिका कोई भूला नहीं सकता।
Created On :   9 July 2021 8:58 PM IST