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20 जून तक परमबीर सिंह और रश्मी शुक्ला को भी 22 जून तक राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को राज्य सरकार एक पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज कराए गए एट्रॉसिटी के मामले में 22 जून तक गिरफ्तार नहीं करेगी। वरिष्ठ सरकारी वकील दारियस खंबाटा ने सोमवार को राज्य सरकार की ओर से बांबे हाईकोर्ट में यह आश्वासन दिया। उन्होंने अदालत को बताया कि अगली सुनवाई तक इस मामले में जबरन कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। खंबाटा के आश्वासन के बाद न्यायमूर्ति पीबी वराले और एसपी तावडे की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 22 जून तक टाल दी।दरअसल परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मांग की है कि उनके खिलाफ ठाणे के एक पुलिस स्टेशन में एट्रॉसिटी कानून के तहत दर्ज मामला और राज्य सरकार द्वारा दिया गया प्राथमिक जांच का आदेश खारिज कर दिया जाए। अकोला में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर बीआर घाडगे की शिकायत के आधार पर सिंह के खिलाफ एट्रॉसिटी कानून के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। घाडगे का आरोप है कि उन्होंने सिंह के कहने पर एक मामले में आरोपियों के खिलाफ नरमी नहीं बरती तो उन्हें जबरन वसूली के मामले में फंसा दिया गया। सिंह ने अपनी याचिका में खुद पर लगे सेवा शर्तों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश को भी रद्द करने की मांग की है। सेवा शर्तों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के आदेश 1 अप्रैल को तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जबकि भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश मौजूदा गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने 20 अप्रैल को दिया था।
रश्मी शुक्ला को भी 22 जून तक राहत
फोन टैपिंग मामले में जांच का सामना कर रही आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला को भी राज्य सरकार अगली कार्रवाई तक गिरफ्तार नहीं करेगी। मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को सरकारी वकील ने अदालत को यह भरोसा दिया इसके बाद शुक्ला की याचिका पर भी सुनवाई 22 जून तक टाल दी गई है। राज्य के खुफिया विभाग ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुंबई के साइबर पुलिस स्टेशन में फोन टेपिंग और खुफिया दस्तावेज लीक करने की शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में अदालत के आदेश के बाद पुलिस की टीम ने हैदराबाद जाकर शुक्ला का बयान दर्ज किया था।
Created On :   14 Jun 2021 7:41 PM IST