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जांच आयोग के सामने पेश नहीं हुए तो परमबीर सिंह पर लगा जुर्माना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे 100 करोड़ रुपए वसूली के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय चांदिवाल आयोग ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह रकम मुख्यमंत्री कोविड निधि में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं। कई बार समन भेजे जाने के बावजूद बयान दर्ज कराने न पहुंचने और शपथपत्र न देने के चलते सिंह पर जुर्माना लगाया गया है। आयोग अब तक सिंह को बयान दर्ज कराने के लिए तीन बार समन भेज चुका है। सिंह पहले दो बार आयोग के सामने पेश नहीं हुए जबकि तीसरी बार सिंह के वकील सुनवाई के दौरान पेश हुए। सरकार ने देशमुख पर लगे आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायधीश कैलाश चांदीवाल के एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। आयोग ने मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का बयान दर्ज किया है।
दरअसल मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाते थे और उन्हें मुंबई के बार, पब और रेस्टारेंट से पैसे वसूलने को कहते थे। पत्र में सिंह ने यह भी दावा किया था कि देशमुख हर महीने मुंबई के बार, पब और रेस्टारेंट से 100 करोड़ रुपए की वसूल करने को कहा था। आरोप है कि एंटीलिया और मनसुख हिरन मामले में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे भी देशमुख के इशारे पर वसूली करता था। दरअसल एंटीलिया और हिरन हत्या मामले में वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला कर उन्हें होमगार्ड का पुलिस महानिदेशक बना दिया गया था। देशमुख ने बाद में तबादले को लेकर दिए बयान में कहा था कि सिंह ने कई गलतियां की थी जो माफ करने लायक नहीं थी इसलिए उनका तबादला किया गया। इसके बाद सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार और वसूली के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा साथ ही हाईकोर्ट में मामले की सीबीआई जांच के लिए अर्जी दी। जांच शुरू होने के बाद देशमुख को कुर्सी गंवानी पड़ी।
Created On :   22 Jun 2021 8:17 PM IST