परमवीर अमर शहीद अब्दुल हमीद की बुजुर्ग पत्नी को रेल पुलिस का सलाम

Paramveer Abdul Hameeds elderly wife greeted by the rail police
परमवीर अमर शहीद अब्दुल हमीद की बुजुर्ग पत्नी को रेल पुलिस का सलाम
परमवीर अमर शहीद अब्दुल हमीद की बुजुर्ग पत्नी को रेल पुलिस का सलाम

डिजिटल डेस्क सतना। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पंजाब के खेमकरन के रण पर एक के बाद एक  पाकिस्तान के  7 अमेरिकन पैटन टैंक को ध्वस्त कर वीरगति को प्राप्त परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की 95 वर्षीया बुजुर्ग पत्नी रसूलन बीबी के अल्प प्रवास के दौरान यहां सतना जंक्शन में आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी मानसिंह ,सब इंस्पेक्टर डीके पटेल , जीआरपी के एएसआई दयाचंद तिवारी,गोविंद त्रिपाठी और प्रदीप सिंह ने न केवल पुष्पगुच्छ भेंट कर उनकी आत्मिक अगवानी की बल्कि उनके सम्मान में सलामी भी ठोंकी।

अपने पोते जमील आलम के साथ पुणे से बनारस के लिए वाराणसी सुपर फास्ट में सफर कर रहीं रसूलन बीबी को अपने बहादुर पति की शहादत पर इंडियन आर्मी के सबसे बड़े सैन्य सम्मान परमवीर चक्र और महावीर चक्र प्राप्त करने का गौरव हासिल है। यहां महज 10 मिनट के हॉल्ट के दौरान-चौतरफा...दादी-अम्मा के संबोधनों से अभिभूत रसूलन उम्र के इस नाजुक दौर में भी राष्ट्रीय भावना से लबरेज दिखीं। 

साथ में यशोदा सम्मान 
असल में वीर नारी रसूलन बीबी पुणे के बाल गंधर्व आडीटोरियम में आयोजित एक सम्मान समारोह में सम्मानित होने के बाद अपने गृह ग्राम धामूपुर (गाजीपुर) लौट रही थीं। दीवा फाउंडेशन और वीर हनुमान मंडल पुणे के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें वर्ष 2018 के यशोदा पुरस्कार से नवाजा है। रसूलन बीबी के 4 बेटे हैं। सबसे बड़े बेटे जुनैद आलम के टीटीई बेटे जमील आलम भी उनके साथ थे। 95 वर्षीया रसूलन बीबी यूपी के गाजीपुर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव धामूपुर से 3 किलो मीटर दूर दुल्लापुर कस्बे में अपने अन्य परिजनों के साथ रहती हैं।    

फ्लैशबैक : आज भी बच्चे-बच्चे की जुबां पर है जाबांज का नाम 
1965 की भारत-पाक जंग में एक के बाद एक उड़ा दिए थे 7 अमेरिकन पैटन टैंक   - भारत-पाक की 1965 की जंग के दौरान पंजाब की चौथी गे्रनेडियर दस्ता के कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 1965 की 8 सितंबर की रात पाकिस्तान की फौज ने अमृतसर पर कब्जे की नापाक साजिश के तहत अटैक कर दिया। अब्दुल हमीद उस वक्त पंजाब के तरन तारन जिले के खेमकरन सेक्टर में फ्रंट पर थे।

पाकिस्तानी फौज के पास अमेरिकन पैटन टैंक की पलटन थी तो अब्दुल हमीद के पास महज गन माउंटेड  जीप , थ्री नॉट थ्री और एलएमजी जैसे असलहे...उनका, उसल उताड़ गांव के पास दुश्मन से साबका पड़ा तो  कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार  अब्दुल हमीद ने अजेय माने जाने वाले अमेरिकन पैटन टैंक के कमजोर हिस्सों पर निशाने साध कर  फायर दागे... एक के बाद एक ...और इस तरह से 7 बारुदी टैंक फट कर भस्म हो गए। उसल उताड़ गांव में इधर पाक के भाड़े के पैटन टैंकों की कब्रगाह बनी और उधर,दुश्मन की फौज में भगदड़ मच गई। जाबांज अब्दुल हमीद भी इसी बीच शहादत को प्राप्त हुए। 

सेवा काल में असाधारण साहस के लिए सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा सेवा मेडल से सम्मानित अमर शहीद अब्दुल हमीद को मरणोपरांत पहले महावीर चक्र और फिर भारतीय सेना के शीर्षस्थ सम्मान परवीर चक्र से नवाजा गया। ये सम्मान उनकी बहादुर पत्नी रसूलन बीबी को प्रदान किए गए। तब उनकी उम्र महज 28 साल थी। 

अमेरिका ने की थी समीक्षा 
याद करें, पाकिस्तान के अमेरिकन पैटन टैंकों के आगे महज खिलौना, गन माउंटेड जीप के हाथों शिकस्त से हतप्रभ अमेरिका के रक्षा विशेषज्ञों ने तब आनन फानन में पैटन टैंकों के डिजायन में बदलाव की समीक्षा की थी।  पैटन टैंक के डिजायन में बदलाव की समीक्षा के दौरान इन विशेषज्ञों के केंद्र में गन माउंटेड जीप तो थी मगर, वो आज तक अब्दुल हमीद जैसे भारतीय जाबांज की राष्ट्रभक्ति और उनके हौसले को नहीं समझ पाए। 

 

Created On :   9 May 2018 1:44 PM IST

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