मुंबई विश्वविद्यलाय में पारसी भाषा में फिर से शुरू हो पढ़ाई - शहजादी

Parsi language studies should be resumed in Mumbai University - Shehzadi
मुंबई विश्वविद्यलाय में पारसी भाषा में फिर से शुरू हो पढ़ाई - शहजादी
मांग मुंबई विश्वविद्यलाय में पारसी भाषा में फिर से शुरू हो पढ़ाई - शहजादी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) की कार्यवाहक अध्यक्ष सैयद शहजादी ने हिजाब विवाद पर कहा है कि देश भावनाओं से नहीं, संविधान से चलता है। उन्होने कहा कि सबकी अपनी-अपनी भावनाएं होती है, लेकिन जब कोर्ट निर्णय है तो सभी को मानना पड़ेगा। कई राज्यों के दौरे से लौटने के बाद शहजादी पत्रकारों से मुखातिब थीं। गुजरात सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रमों में भगवद् गीता को शामिल करने के सवाल पर कहा कि भगवद् गीता कोई धार्मिक पुस्तक नहीं है बल्कि एक दर्शन है, जिसका विदेशों में भी अध्ययन हो रहा है। उन्होने कहा कि जो भगदवद् गीता को जो चाहे, वह पढ़ सकता है। हमारा मानना है कि हर धर्म के बारे में लोग पढ़ें। सुश्री शहजादी ने तेलंगाना और झारखंड में प्रधान मंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत चल रहे अल्पसंख्यक स्कूलों में सिर्फ मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाने पर नाराजगी जताई है। उन्होने कहा कि पीएमजेवीके के तहत चल रहे अल्पसंख्यक स्कूलों को मिलने वाले कुल अनुदान में 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार का होता है। लिहाजा इन स्कूलों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीर भी लगाई जानी चाहिए। आयोग ने मुंबई विश्वविद्यालय में फिर से पारसी भाषा ‘अवेस्ता पहलवी’ में एमए और पीएचडी की पढ़ाई डिस्टेंस एजुकेशन के रूप में शुरू करने की सिफारिश की है। आयोग के सदस्य कर्सी के देबू ने बताया कि ‘अवेस्ता पहलवी’ भाषा संस्कृत से मिलती है। उन्होने कहा कि पहले मुंबई विश्वविद्यालय में इस भाषा मंे पढ़ाई होती थी, लेकिन बच्चों की कम संख्या के चलते अब इसकी पढ़ाई बंद कर दी गई है। ऐसे में आयोग का मानना है कि मुंंबई विश्वविद्यालय फिर से डिस्टेंस एजुकेशन के रूप में इसे शुरू करे।
 

Created On :   25 March 2022 8:56 PM IST

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