पासवान ने कांग्रेस, बसपा को बताया दलित विरोधी, राहुल गांधी से पूछे 14 सवाल

Paswan asked 14 question to Congress party President Rahul Gandhi
पासवान ने कांग्रेस, बसपा को बताया दलित विरोधी, राहुल गांधी से पूछे 14 सवाल
पासवान ने कांग्रेस, बसपा को बताया दलित विरोधी, राहुल गांधी से पूछे 14 सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून को पहले की तरह सख्त बनाने के सरकार के फैसले से केन्द्रीय खाद्य मंत्री और लोजपा सुप्रीमों रामविलास पासवान गदगद हैं। कुछ समय पहले तक इस कानून को लेकर अपनी ही सरकार से खफा दिख रहे पासवान ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है तो कांग्रेस, बसपा और सपा को दलित विरोधी करार दिया है। 

‘कांग्रेस ने बाबा साहेब को लोस चुनाव में हरवाया’ 
अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून पहले केन्द्रीय कैबिनेट और फिर संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद लोजपा सुप्रीमों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से 14 सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि राजग सरकार को दलित विरोधी बताने वाले राहुल बताएं कि बाबा साहब अंबेडकर को भंडारा और दक्षिण मुंबई लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हराने का काम क्यों किया और बाबा साहेब को भारत रत्न क्यों नहीं दिया?

उन्होंने पूछा कि कांग्रेस राज में अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं दिया गया और संप्रग सरकार ने प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को बहुमत होने के बावजूद लोकसभा में क्यों पास नहीं कराया? यह भी पूछा कि कांग्रेस ने नागपुर में दीक्षाभूमि को क्यों विकसित नहीं किया और चैत्य भूमि, मुंबई को अंतर्राष्ट्रीय स्मारक क्यों नहीं बनाया? उन्होंने पूछा कि कांग्रेस ने संसद के सेंट्रल हॉल में बाबा साहेब का पोर्ट्रेट क्यों नहीं लगाया और नव बौद्धों को अनुसूचित जाति का दर्जा क्यों नहीं दिया?

माया ने कानून को कमजोर किया था कमजोर : पासवान
पासवान ने कांग्रेस के साथ बसपा और सपा को भी दलित विरोधी बताया और कहा कि उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने वर्ष 2007 में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण कानून को कमजोर करने के लिए आदेश जारी किया था। उन्होंने सपा से पूछा कि प्रोन्नति में आरक्षण के लिए संसद के दोनों सदनों में जब सभी दलों के लोग सहमत थे, तब सपा ने इसका क्यों विरोध किया था। सपा के विरोध के चलते लोकसभा में यह विधेयक पारित नहीं हो सका था। लोजपा अध्यक्ष ने मोदी सरकार को दलित हितैषी सरकार बताते हुए कहा कि 2015 में इस सरकार ने दलित एक्ट को मजबूत किया और प्रोन्नति में आरक्षण के मामले को सुप्रीम कोर्ट में जोरदार ढंग से उठाया। राजग सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून को विशेष बैठक बुलाकर और संसद में बिल लाकर तुरंत पास कराने का काम किया है।

 

 

Created On :   11 Aug 2018 2:26 PM GMT

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