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स्पाइन की नस दबी, फिजियोथैरेपी से दो हफ्ते में ठीक हो गया मरीज
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिस बीमारी के इलाज के लिए शहर के 3 नामी डॉक्टर सिर्फ ऑपरेशन ही इलाज बता रहे थे, वह मरीज फिजियोथैरेपी ट्रीटमेंट से दो हफ्ते में ही स्वस्थ हो गया। गाडरवारा में मेडिकल स्टोर का संचालन करने वाले 34 वर्षीय राहुल राय को गत 25 नवंबर को दाएं कूल्हे से पैर के पंजे तक इस कदर असहनीय दर्द उठा कि उसका खड़ा होना भी मुश्किल था। स्थानीय डॉक्टर ने जबलपुर जाने की सलाह दी। जबलपुर आकर उसने एक नामी चिकित्सक को परेशानी बताई। मर्ज पकडऩे डॉक्टर ने एमआरआई कराई तो पता चला कि उसकी लम्बर स्पाइन की नस दबी हुई है। डॉक्टर ने तत्काल भर्ती होने और ऑपरेशन करवाने के लिए कहा। राहुल ने बताया कि ऑपरेशन की बात सुनकर वह दो और नामी डॉक्टरों से सलाह लेने पहुंचा तो वहां भी सर्जरी ही आखिरी इलाज होने की बात कही गई। इस समस्या को उसने दिल्ली निवासी अपने साइंटिस्ट मित्र को बताया तो उसने राइट टाउन मदन महल स्टेशन रोड स्थित मोहन फिजियोथैरेपी सेंटर में डॉ. हिमांशु गुप्ता से जांच एवं इलाज कराने की सलाह दी। राहुल ने बताया कि उसके मित्र पूर्व में डॉ. हिमांशु गुप्ता से स्लिप डिस्क का सफलतापूर्वक इलाज करा चुके हैं।
90 फीसदी ठीक हुआ - डॉ. गुप्ता ने बताया कि ओस्टियोपैथी और फिजियोथैरेपी से राहुल का इलाज शुरू किया गया तो पहले दिन से ही वह सीधा होकर चलने लगा। लगातार ट्रीटमेंट से उसका दर्द खत्म हुआ और अब वह कमर में बेल्ट लगाकर सफर भी कर रहा है। दो हफ्ते के इलाज में वह 90 फीसदी स्वस्थ हो चुका है, अब वह कुछ दिन प्रिस्क्राइब की हुई थेराप्यूटिक एक्सरसाइज कर पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। डॉ. गुप्ता ने बताया कि राहुल शरीर को गलत तरीके से रखने (एबनॉर्मल पॉश्चर) एवं वजन के साथ लम्बर स्पाइन को एक्सटेंशन से फ़्लेक्शन बार-बार करने की स्थिति में स्पाइन की नस दबने की समस्या आती है, राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ था, चिकित्सक के अनुसार बिना इंजेक्शन फिजियोथैरेपी द्वारा मस्कुलोस्केटल, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक एवं स्पोट्र्स इंजुरी का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
Created On :   19 Dec 2017 7:52 AM GMT