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भीगते पानी में कराहते रहे मरीज, हड़ताल के कारण नहीं मिला इलाज

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। विभिन्न मांगों को लेकर मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टर्स, स्वशासी नर्सेस तथा कर्मचारियों की हड़ताल का पहला दिन ही मरीजों की तकलीफ बढ़ा गया। प्रबंधन के वैकल्पिक इंतजाम नाकाफी साबित हुए। अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहा। हालांकि बारिश के कारण मरीजों की संख्या आम दिनों की अपेक्षा कम थी, लेकिन जो पहुंचे उनको भी इलाज नहीं मिल सका। ओपीडी में कुछ विभागों में ही डॉक्टर मौजूद थे, जबकि अधिकांश कमरे खाली पड़े थे। हालात यह थे कि गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजने का काम किया गया। 108 एम्बुलेंस से लाए गए पीड़ितों को भी उपचार नहीं मिल सका।
दोपहर बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा हड़ताल समाप्त करने के लिए एस्मा लागू किया गया, लेकिन कर्मचारी और नर्सेस मांगें पूरी होने के पहले काम पर लौटने राजी नहीं हैं। जूनियर डॉक्टर्स असमंजस में हैं, भोपाल में देर रात तक सभी छह मेडिकल कालेजों की जूडा एसोसिएशन के पदाधिकारी कई दौर की बैठक कर चुके हैं।
बारिश के कारण कम रहे मरीज
सुबह से लगातार हुई बारिश के कारण इलाज कराने गंभीर मरीज ही पहुंचे, जिन्हें हड़ताल का हवाला देकर वापस कर दिया गया। अशक्त मरीजों को स्ट्रेचर या व्हील चेयर तक उपलब्ध नहीं हुए। जो स्टाफ काम पर था, वह मरीजों को हड़ताल का हवाला देकर कहीं और इलाज कराने का मशवरा दे रहा था। लंबे समय से खड़ीं अस्पताल की एंबुलेंस सोमवार को निकाली गईं तथा इनसे मरीजों को शिफ्ट करने का काम किया गया। प्रबंधन का कहना है कि सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में मरीजों की जांच की, वहीं आकस्मिक सेवाएं जारी रहीं। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नर्सिंग छात्राओं की सेवाएं भी खास कारगर नहीं रहीं।
नहीं मिली दवा, न जांचें हुईं
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। फार्मासिस्ट व रेडियोग्राफर के हड़ताल पर होने के कारण दवाओं का वितरण नहीं हो सका, वहीं विभिन्न जांचें भी प्रभावित हुईं।
हड़तालियों ने किया प्रदर्शन
जूनियर डॉक्टर जहां कैजुअल्टी के पास टेंट में एकत्र थे वहीं नर्सेस व अन्य कर्मचारी डीन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते रहे। नारेबाजी के बीच सभी अपनी मांगों को पूरा करने की मांग करने नारेबाजी करते रहे।
दोपहर बाद एस्मा, बढ़ेगा टकराव
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भोपाल में जूडा व कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से चर्चा में कोई रास्ता नहीं निकलने की स्थिति के बाद अपर सचिव नरेंद्र सिंह परमार ने अत्यावश्यक सेवा अधिनियम के तहत तीन महीने के लिए एस्मा लागू किया। इस दौरान कर्मचारी सामूहिक अवकाश नहीं ले सकेंगे। आदेश मिलने के बाद डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने जूडा एसो., नर्सेस एसो. के साथ ही चार कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष को पत्र जारी कर काम पर वापस आने के लिए कहा साथ ही ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके पहले भोपाल में एसीएस आरएस जुलानिया ने कर्मचारियों को पहले हड़ताल खत्म करने और सात दिन बाद चर्चा करने की बात कही थी।
नर्सेस तथा कर्मचारी संगठनों ने मांग पूरी न होने तक काम पर नहीं लौटने का निर्णय लेते हुए हड़ताल जारी रखने की जानकारी कालेज प्रबंधन को दी है। दूसरी ओर सभी मेडिकल कालेजों के जूडा एसो. के पदाधिकारी इस संबंध में भोपाल में बैठक कर रहे हैं। नर्सेस व कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने की स्थिति में टकराव बढऩे की संभावना जताई जा रही है वहीं उनके िखलाफ सख्त कार्रवाई होने का भी अंदेशा है।
इनका कहना है
एस्मा लागू होने के बाद हड़ताल पर रहना गैर कानूनी हो गया है। हमहड़तालियों के खिलाफ एफआईआर करा रहे हैं।
डॉ. नवनीत सक्सेना, डीन एनएससीबी मेडिकल कालेज
हम कोई गलत मांग तो नहीं कर रहे, फरवरी में लिखित आश्वासन मिला था लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। हड़ताल जारी रहेगी।
सुनीला ईशादीन, सचिव नर्सेस एसोसिएशन मेडिकल कालेज
हमारे खिलाफ जो कार्रवाई करनी हो करें लेकिन मांगें पूरी होने के बाद ही हम काम पर लौटेंगे, हमारे साथ पक्षपात किया जा रहा है।
वीरेंद्र तिवारी, अध्यक्ष तृतीय वर्ग शाकर्म. संघ, मेडिकल कालेज
Created On :   23 July 2018 8:16 PM IST