निजी अस्पताल में मरीजों को इलाज कराने से नहीं रोका जाए

Patients should not be stopped from getting treatment in private hospitals
निजी अस्पताल में मरीजों को इलाज कराने से नहीं रोका जाए
निजी अस्पताल में मरीजों को इलाज कराने से नहीं रोका जाए

सिटी हॉस्पिटल प्रकरण - हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश, तीन दिन में राज्य सरकार से लिए जाएँ निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  
मप्र हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले के आरोपी सरबजीत सिंह मोखा के सिटी अस्पताल में मरीजों को इलाज कराने से नहीं रोका जाए। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता से तीन दिन में राज्य सरकार से निर्देश लेकर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 2 जुलाई को निर्धारित की गई है।  सिटी अस्पताल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि कलेक्टर जबलपुर ने 18 मई 2021 को उनके अस्पताल में नए मरीजों का इलाज कराने पर रोक लगा दी और पहले से भर्ती मरीजों की छुट्टी करने का आदेश दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा और पंकज दुबे ने तर्क दिया कि अस्पताल के पास इलाज करने का वैध पंजीकरण है। अस्पताल में चिकित्सक इलाज के लिए उपलब्ध हैं। महाप्रबंधक और प्रबंधक के न्यायिक अभिरक्षा में होने से इलाज में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अंतरिम आदेश पारित कर कहा कि सिटी अस्पताल में मरीजों को इलाज कराने से नहीं रोका जाए।

Created On :   1 July 2021 3:51 PM IST

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