पवार ने कार्यकर्ताओं को नहीं कहा RSS की विचारधारा स्वीकारो, नागपुर में कांग्रेस की बैठक - NCP पर अधिक विश्वास ठीक नहीं

Pawar not guide workers to accept RSS ideology, congress meeting in Nagpur
पवार ने कार्यकर्ताओं को नहीं कहा RSS की विचारधारा स्वीकारो, नागपुर में कांग्रेस की बैठक - NCP पर अधिक विश्वास ठीक नहीं
पवार ने कार्यकर्ताओं को नहीं कहा RSS की विचारधारा स्वीकारो, नागपुर में कांग्रेस की बैठक - NCP पर अधिक विश्वास ठीक नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने आरएसएस को लेकर दिए गए बयान पर स्पष्टीकरण दिया है। पवार ने कहा कि आरएसएस संबंधी मेरे बयान को लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है। मैंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को कभी नहीं कहा कि आरएसएस की विचारधारा को स्वीकार करिए। मैंने उनसे कहा था कि जिस तरीके से आरएसएस के कार्यकर्ता दृढ़ता से काम करते हैं उसी दृढ़ता से आपको भी काम करनी चाहिए। रविवार को पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की बैठक हुई। पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रखर राष्ट्रवाद का मुद्दा जनता के सामने रखा और लोग उनके भ्रम जाल में फंस गए। लेकिन विधानसभा चुनाव अलग होता है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा के पास चेहरा नहीं है। महाराष्ट्र में विकल्प कौन दे सकता है यह सवाल लोगों के मन में है। इसलिए लोगों को राष्ट्रवादी कांग्रेस विकल्प दे सकती है। इसके लिए लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। पवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार है। हम कुछ और समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। पवार ने कहा कि जिस तरीके से अर्जुन की लक्ष्य मछली की आख पर था उसी लक्ष्य की तरह पार्टी की महिला कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में काम करें। पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम से पार्टी के संगठन में बेचैनी थी। इस कारण बैठक बुलानी पड़ी। इस तरीके के चुनाव परिणाम अपेक्षित नहीं था। चुनाव में हार जीत लगी रहती है। 
राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि महिला कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में पार्टी का साथ दें। विधानसभा चुनाव में सत्ता आएगी तो निश्चित रूप से आपको श्रेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला कार्यकर्ता अगले कुछ महीने पार्टी के लिए जी जान लगाकर काम करें। जितना प्रभावी संपर्क होगा उतनी ही सफलता निश्चित होगी। पाटील ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपर्याप्त काम करके श्रेय लिया। फिर हम आघाडी सरकार के 15 साल के कामों को जनता के बीच क्यों न बताएं। 
राष्ट्रवादी कांग्रेस की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महिला कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में लोगों से सीधे संवाद स्थापित करें। सुप्रिया ने कहा कि हमने बारामती और शिरूर में लोगों से सांवद साधा। इसी पैटर्न के कारण दोनों सीटों पर जीत मिल सकी। अब विधानसभा चुनाव में भी सीधे संवाद स्थापित करना चाहिए। सुप्रिया ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन, कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील सभी लोग बारामती में डेरा जमाए हुए थे। लेकिन हमने सभी के दाव पेंच को उलट कर रख दिया। 
 

शर्तोंं पर रहे साथ, राकांपा पर अधिक विश्वास करना ठीक नहीं होगा, कांग्रेस की बैठक में उठे सुझाव

उधर नागपुर में प्रदेश कांग्रेस की पहली बैठक में विदर्भ के पार्टी नेताओं ने खुलकर विचार रखे। सहयोगी दल राकांपा की भूमिका पर सवाल उठाए। यह तक कहा किया गया विधानसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों का नाम जल्द सामने आ जाना चाहिए। राकांपा पर अधिक विश्वास नहीं किया जा सकता है। वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर पहले से ही अपनी शर्त मनवाने पर जोर देते रहे हैं। लिहाजा प्रकाश आंबेडकर के साथ गठबंधन पर अधिक जोर देने की भी आवश्यकता नहीं है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस की तिलक भवन मुंबई में हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी मलिकार्जुन खडगे व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण के अलावा पृथ्वीराज चव्हाण, सुशील शिंदे, बालासाहब थोरात, नितीन राऊत, विजय वडेट्टीवार, वीरेंद्र जगताप व अन्य प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में जिलावार चर्चा की गई। कांग्रेस सूत्र के अनुसार रामटेक में राकांपा की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। रामटेक लोकसभा क्षेत्र की 6 में से 2 सीट पर राकांपा का प्रभाव अधिक माना जाता रहा है। हिंगणा व काटोल में राकांपा के विधायक रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में इन क्षेत्रों में भी कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को बढ़त नहीं मिल पायी। उधर गांेदिया भंडारा की एकमात्र सीट पर राकांपा ने अपने उम्मीदवार के लिए नेताओं को प्रचार करने भेजा लेकिन वहां भी कांग्रेस की उपेक्षा ही की गई। कांग्रेस के विधायक तक को विश्वास में नहीं लिया गया। यवतमाल में भी राकांपा चुनाव के समय अधिक सक्रिय नजर नहीं आयी। यह तक कहा गया कि यवतमाल लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार माणिकराव ठाकरे की पराजय में राकांपा का विश्वासघात भी जिम्मेदार है। अमरावती में पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस ने राकांपा पर विश्वास किया। राकांपा के लिए सीट छोड़ी। लेकिन राकांपा ने निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिया। वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर से दूरी बनाए रखने का भी मत व्यक्त किया गया।

Created On :   9 Jun 2019 2:20 PM GMT

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