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पवार का निशाना, झूठे आश्वासन देने वाली सरकार से छीनें सत्ता
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भवानी माता के सामने किसानों और कामगारों का दुखड़ा सुनाकर सत्ता में आई इन सरकारों ने सर्वसामान्य जनता के लिए कुछ नहीं किया। उल्टे नोटबंदी के कारण बड़ी संख्या में उद्योग बंद होने से हजारों युवक बेरोजगार हो गए। राज्य सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि साढ़े तीन वर्ष कार्यकाल में इस सरकार ने कर्मचारी, शिक्षक भर्ती पर लगी पाबंदी भी नहीं हटाई। जिसके चलते सर्वसामान्य जनता परेशान है। इसलिए झूठे आश्वासन देने वाली इस सरकार से अब सत्ता छीन लेनी चाहिए। दरअसल मराठवाड़ा में राकांपा की ओर से निकाली गई हल्लाबोल यात्रा का शनिवार को औरंगाबाद में समापन हुआ। पवार इस अवसर पर संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
इन मुद्दों पर बोले पवार
किसान : हजारों किसानों ने अपने बच्चों के बारे में कोई सोच-विचार न करते हुए आत्महत्या की है, क्योंकि खेती करना अब किसान के बस की बात नहीं रही है। बोंड इल्ली से कपास की फसल को हुए नुकसान पर उन्होंने कहा ‘हाल ही में मैंने सरकार का प्रभावित किसानों को मदद देने संबंधी पत्र पढ़ा। इसमें कहा गया है- क्या दिल्ली सरकार की ओर से कुछ मदद मिल सकती है ? क्या बीज कंपनियों की ओर से कुछ मदद दिलवाई जा सकती है? यदि इस प्रकार का रवैया सरकार का है तो किसानों को फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं होगी।
केंद्रीय बजट : केंद्रीय बजट का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें घोषणा की गई है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार किसानों को फसल के लागत मूल्य से डेढ़ गुना ज्यादा दाम दिया जाएगा। ये सभी बातें झूठ हैं। किसान तुअर, मूंग, ज्वार, बाजरा, हल्दी आदि फसलों का उत्पादन भी करते हैं। इस सरकार के पास 25 फसलों को देखने का कोई तंत्र नहीं है। उक्त फसलों की खरीद के लिए बजट में पैसों का प्रावधान नहीं रखा गया। इसलिए घोषणा पर सवाल खड़े होते हैं। पवार ने सरकार पर मराठी में टिप्पणी भी की, जिसका अर्थ है- चालबाज सभी को भोजन के लिए बुलाता है, लेकिन जब तक थाली में खाना नहीं आ जाता, तब तक चालबाज का निमंत्रण सच्चा नहीं होता।
कर्जमाफी : पवार ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा की गई किसान कर्जमाफी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने देश के किसानों का 71 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया था। दस दिन में किसानों के खातों में पैसे जमा कराए थे। पर राज्य की वर्तमान सरकार ने किसान कर्जमाफी की घोषणा के आठ माह बाद भी कुछ नहीं किया ।
ट्रिपल तलाक: पवार ने कहा कि यदि मुस्लिम महिलाओं को संरक्षण देने का इरादा इस सरकार के दिल में सही मायने में है तो ट्रिपल तलाक के बारे में अल्पसंख्यक समाज के धर्मगुरुओं, व्यक्तियों को विश्वास में लेते हुए उचित संदेश दिया जाना चाहिए था। धर्म के संदेश में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसी भी सत्ताधारी को नहीं है।
Created On :   4 Feb 2018 3:01 PM IST