निर्माण कंपनी पर अधिकारी मेहरबान, कमिश्नर की रोक के बाद भी 3 करोड़ का भुगतान

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निर्माण कंपनी पर अधिकारी मेहरबान, कमिश्नर की रोक के बाद भी 3 करोड़ का भुगतान

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला मुख्यालय में अमृत योजना के तहत 405 किलोमीटर पर सीवर लाइन बिछाने के काम में लगी केके स्पन पर सियासत किस कदर मेहरबान है? अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नगर निगम के कमिश्नर द्वारा प्रतिबंधित 3 करोड़ 3 लाख का भुगतान अंतत बैक डोर से कर दिया गया। सीवर लाइन के निर्माण की ये वही एजेंसी है, जिसका टेंडर टर्मिनेट करने का प्रस्ताव मेयर इन काउंसिल भी राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को पहले ही भेज चुकी है। इतना ही नहीं यहां केके स्पन को उपकृत करने की जल्दबाजी का आलम तो ये है कि 19 करोड़ की बैंक गारंटी के विरुद्ध इस एजेंसी को राजनैतिक दबाव के चलते अब तक 24 करोड़ के भुगतान किए जा चुके हैं। 
 

2 साल में काम महज 90 किलोमीटर 
अमृत योजना के तहत केके स्पन को जून 2017 में 206 करोड़ की लागत से शहर के 495 किलोमीटर पर सीवर लाइन डालने का जिम्मा सौंपा गया था। इस एवज में एजेंसी से 19 करोड़ की बैंक गारंटी ली गई थी। दिसंबर 2020 तक कार्य पूर्णता का लक्ष्य है, मगर 2 वर्ष बाद भी शहर में सिर्फ 90 किलोमीटर में ही सीवर के काम का दावा सामने आया है।  इस काम में भी जहां गुणवत्ता की भारी कमी है,वहीं लेट लतीफी पर भी किसी का जोर नहीं है। उल्लखेनीय है, इन्हीं आरोपों के चलते नवंबर 2018 में तबके निगमायुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच ने केके स्पन के पक्ष में देय 3 करोड़ 3 लाख के भुगतान पर रोक लगा दी थी। मगर, आरोप है कि भुगतान पर रोक के ढाई माह बाद जैसे ही श्री अढ़ायच तबादले पर सिवनी गए वैसे ही सियासी रसूख की दम पर केके स्पन ने बैक डोर से प्रतिबंधित रकम का भुगतान हथिया लिया। इस एजेंसी को अब तक 24 करोड़ का भुगतान हो चुका है। 
 

काम छोड़कर भागने की आशंका
उल्लेखनीय है, नगर निगम परिषद के अध्यक्ष अनिल जायसवाल ने अर्सा पहले जहां केके स्पन के काम छोड़कर भाग जाने की आशंका जताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी,वहीं तबकी कमिश्नर प्रतिभा पाल ने भी कार्यशैली पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए केके स्पन प्रबंधन को फटकार लगाई थी। काम छोड़कर भागने की आशंका के संज्ञान में आने पर मेयर ममता पांडेय की अध्यक्षतावाली मेयर इन काउंसिल ने आमराय से केके स्पन का टेंडर रद्द करने का प्रस्ताव भी राज्य शासन को भेजा था लेकिन तब एमआईसी के इस प्रस्ताव को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भी रहस्यमयी अंदाज में दबा कर बैठ गया। इतना ही नहीं प्रतिबंधित 3 करोड़ 3 लाख का भुगतान भी कर दिया गया।  
 

मेयर ने दी सत्याग्रह की चेतावनी 
केके स्पन की कार्य के प्रति घोर लापरवाही,प्रतिबंधित राशि का भुगतान करने और एमआईसी से टेंडर रद्द करने के प्रस्ताव के बाद भी गुणवत्ता विहीन काम को नहीं रोके जाने से नाराज महापौर ममता पांडेय ने निगम कार्यालय में सत्याग्रह की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में पुन: राज्यशासन को पत्र लिख कर एमआईसी के प्रस्ताव पर कार्यवाही की मांग करेंगी। अगर मांग पूरी नहीं की गई तो काली पट्टी बांध कर विरोध जताएंगी। महापौर ने कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करेंगी और हाईकोर्ट भी जाएंगी।
 

Created On :   29 May 2019 1:37 PM IST

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