जर्जर भवनों को गिराने के लिए मिली अनुमति - हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश में किया आंशिक संशोधन

Permission granted for demolition of dilapidated buildings - High Court partially amended the earlier order
जर्जर भवनों को गिराने के लिए मिली अनुमति - हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश में किया आंशिक संशोधन
जर्जर भवनों को गिराने के लिए मिली अनुमति - हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश में किया आंशिक संशोधन

डिजिटल डेस्क  जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने 23 अप्रैल 2021 को जारी आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए राज्य सरकार, नगरीय निकायों और पंचायतों को बारिश के दौरान जर्जर भवनों को गिराने की अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा कि जर्जर भवनों को गिराने के पहले उसमें रहने वालों का सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास करना होगा। इसके साथ ही भवन गिराने के पूर्व उचित सूचना देनी होगी। हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए 23 अप्रैल 2021 को आदेश जारी किया था कि 15 जून तक राज्य सरकार, नगरीय निकाय और पंचायतों द्वारा किसी भी मकान या भवन को गिराने की कार्रवाई नहीं की जाएगी। जबलपुर नगर निगम की ओर से अधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह ने आवेदन दायर कर कहा कि जबलपुर शहर में ऐसे कई जर्जर भवन हैं, जो बारिश के दौरान गिर सकते हैं। इसको देखते पूर्व आदेश में संशोधन कर बारिश के पूर्व जर्जर भवनों को गिराने की अनुमति प्रदान की जाए। उप-महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि नगरीय निकायों द्वारा जर्जर भवनों को चिन्हित कर पहले ही नोटिस दिए जा चुके हैं। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार, नगरीय निकाय और पंचायतों को बारिश के दौरान जर्जर भवनों को गिराने की अनुमति प्रदान कर दी है। जर्जर भवन गिराने के पूर्व उसमें रहने वालों का सुरक्षित पुनर्वास करने का भी निर्देश दिया गया है। सुनवाई के दौरान उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली और कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य अधिकारी भी मौजूद थे। 

Created On :   17 Jun 2021 4:30 PM IST

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