औरंगाबाद के नाम बदलने खिलाफ दायर याचिका सुनवाई के लिए रखी जाए खंडपीठ के सामने

Petition filed against change of name of Aurangabad should be placed before the Bench for hearing
औरंगाबाद के नाम बदलने खिलाफ दायर याचिका सुनवाई के लिए रखी जाए खंडपीठ के सामने
हाईकोर्ट औरंगाबाद के नाम बदलने खिलाफ दायर याचिका सुनवाई के लिए रखी जाए खंडपीठ के सामने

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने औरंगाबाद जिले का नाम बदले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के सामने जाने का सुझाव दिया है। क्योंकि यह मामला औरंगाबाद खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में आता है। हालांकि मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने इस बारे में कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया है। इस मुद्दे को लेकर खंडपीठ के सामने 27 सितंबर को सुनवाई होगी 

औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर किए जाने के खिलाफ औरंगाबाद निवासी मोहम्मद मुस्ताक अहमद,अन्ना साहब खंडारे व राजेश मोरे ने दायर की है। जबकि उस्मानाबाद का नाम धाराशिव किए जाने को लेकर उस्मानाबाद के निवासी किशोर गजभिये ने दायर की है। महाविकासी आघाड़ी सरकार ने 29 जून को इन दोनों शहरों के नाम में बदलाव को लेकर निर्णय लिया था।जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विषय में 16 जुलाई को नया फैसला किया है। दोनों याचिकाओं में दावा किया गया है कि सरकार की ओर से औरंगाबाद व उस्मानाबाद के नाम में बदलाव करने का निर्णय राजनीति से प्रेरित है। इस फैसले से धार्मिक व सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ेगा। नामकारण को लेकर निर्णय लेते समय संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि  औरंगाबाद का नामकरण करते समय शिंदे सरकार जनभावनाओं पर विचार नहीं किया है। इसलिए सरकार के फैसले को अवैध घोषित कर दिया जाए।  

 

Created On :   22 Sept 2022 9:49 PM IST

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