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याचिकाकर्ता का दावा - इससे बढ़ेगी पीजी की सीटें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ली जानेवाली राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) को रद्द कर दिया जाए। इस तरह की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि कोविड महामारी ने मेडिकल क्षेत्र की कमियों को सार्वजनिक कर दिया है। जिससे साफ हो गया है कि शहरों में ही नहीं ग्रामीण इलाकों में डाक्टरों की भारी कमी है।
याचिका में कहा गया है कि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मेडिकल की स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (पीजी) की सीटों को दोगुना करना आसान हो जाएगा, यदि पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए ली जानेवाली नीट परीक्षा को रद्द कर दिया जाए। और पीजी में एडमिशन लेने के इच्छुक सारे एमबीबीएस स्नातकों को प्रवेश दे दिया जाए। इससे मरीज-डाक्टर अनुपात को बढाने में भी मदद मिलेगी।
याचिका में दावा गया है कि पीजी नीट ने न सिर्फ स्नातकोत्तर की मेडिकल सीट की संख्या को सीमित करके रखा है। बल्कि सीट की कमी से एडमिशन में भ्रष्टाचार को भी बढावा मिल रहा है। याचिका के मुताबिक एमबीबीएस की 86 हजार सीटे हैं जबकि पीजी की 43 हजार सीटे हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो पीजी की सीटे एमबीबीएस की तुलना में आधी है। याचिका के अनुसार मेडिकल स्नातक पाठ्यक्रम के देश भर में 542 संस्थान हैं। जबकि पीजी कोर्स के 64 कालेज ही हैं।
Created On :   10 Aug 2021 8:35 PM IST