शोभापुर ग्रीन प्रोजेक्ट पर याचिका सारहीन, 25 हजार की कॉस्ट

Petition on Shobhapur Green Project immaterial, cost of 25 thousand
शोभापुर ग्रीन प्रोजेक्ट पर याचिका सारहीन, 25 हजार की कॉस्ट
शोभापुर ग्रीन प्रोजेक्ट पर याचिका सारहीन, 25 हजार की कॉस्ट

एनजीटी ने कहा- निजी भूमि पर सभी आवश्यक अनुमतियों के साथ हो रहा निर्माण
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने शोभापुर क्षेत्र में निर्माणाधीन आवासीय कॉलोनी शोभापुर ग्रीन प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर याचिका को सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया है। एनजीटी की दिल्ली बेंच के न्यायिक सदस्य एसके सिंह तथा प्रशासनिक सदस्य डॉ. सत्यवान सिंह गारब्याल ने याचिकाकर्ता राकेश सैनी पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई। ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि इस तरह बिना आधार की याचिका दायर करने की आदतों पर लगाम लगाने का यही सर्वोत्तम समय है। कॉस्ट की राशि 4 सप्ताह के अंदर जमा करने के निर्देश दिए गए।
ऐसा है प्रकरण 
 शोभापुर निवासी राकेश सैनी की ओर से पेश की गई याचिका में कहा गया कि शोभापुर पहाड़ी के ग्राम भड़पुरा की करीब 10 हेक्टेयर जमीन पर आवासीय कॉलोनी के लिए शोभापुर ग्रीन प्रोजेक्ट के अभिलाष तिवारी को विकास की अनुमति दी गई है। पहाड़ी पर भारी भरकम मशीनों से न केवल अवैध उत्खनन किया जा रहा है, बल्कि सैकड़ों की संख्या में हरे-भरे पेड़ों का भी कत्लेआम हो रहा है। 
सेटेलाइट इमेज नहीं चलेगी- कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश की गई सेटेलाइट इमेज सुप्रीम कोर्ट के अनुसार मान्य नहीं की जा सकती है। इसकी जगह राजस्व अभिलेख को महत्व दिया जाता है। रिकॉड्र्स के अनुसार जमीन निजी है और यह कभी भी वन भूमि घोषित नहीं की गई। शोभापुर ग्रीन प्रोजेक्ट के अभिलाष तिवारी की ओर से अधिवक्ता श्रेयस धर्माधिकारी ने पक्ष रखा। 
 

Created On :   8 Sept 2020 3:56 PM IST

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