तराई में फिल हलचल- डेढ़ लाख के इनामी गौरी यादव के साथ संपत कोल की मौजूदगी से फैली दहशत 

Phil stir in the Terai - Panic spread over Sampat Coles presence with Gauri Yadav, a prize winner of 1.5 lakh
तराई में फिल हलचल- डेढ़ लाख के इनामी गौरी यादव के साथ संपत कोल की मौजूदगी से फैली दहशत 
तराई में फिल हलचल- डेढ़ लाख के इनामी गौरी यादव के साथ संपत कोल की मौजूदगी से फैली दहशत 

सदस्य संख्या और फायर पावर बढ़ाने की फिराक में हैं दोनों गिरोह 
डिजिटल डेस्क सतना।
उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके में डकैतों की मौजूदगी हमेशा बनी रही है,कभी इनकी संख्या बढ़ जाती है तो कभी कम हो जाती है, मगर प्रशासन और पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद दस्यु समस्या का संपूर्ण उन्मूलन आज तक नहीं हो पाया। लगभग डेढ़ दशक तक तराई में आतंक का राज चलाने वाले साढ़े 6 लाख के इनामी गैंग लीडर बबुली कोल और उसके राइट हैंड लवलेश कोल जब बीते साल 16 सितंबर को धारकुंडी थाना अंतर्गत लेदरी के जंगल में पुलिस से मुठभेड़ के दौरान मारे गए थे, तब यह लगने लगा था कि यहां से डकैत हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे, पर यह उम्मीद तब धूमिल हो गई जब डेढ़ लाख के इनामी अंतराज्यीय डकैत गौरी यादव ने एक बार फिर पांव पसारने शुरु कर दिए। उसके साथ ही कुछ नए गिरोह भी सिर उठाने लगे थे,जिनमें से अधिकांश को दोनों राज्यों की पुलिस ने उतनी ही तेजी से खत्म भी कर दिया। लेकिन पूरी ताकत लगाने पर भी गौरी तक नहीं पहुंचा जा सका है। अब तक यूपी और एमपी के बार्डर पर संपत कोल नामक बदमाश सक्रिय हो गया है,जिसने बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में एक युवक को गोली मारकर अपनी मौजूदगी का एहसास कराया था। 
पंचायत चुनावों में डाल सकते हैं असर
आगामी दिनों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं,जिसकी तैयारी शुरु हो गई है। लंबे समय से जोर-अजमाइश का इंतजार कर रहे तराई के कई रसूखदार और चुनावी लड़ाके अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए डकैतों का सहारा ले सकते हैं। गौरी पहले भी परिजनों और रिश्तेदारों के लिए बंदूक की धमक दिखा चुका है तो सजातीय लोगों के लिए भी फरमान जारी करता रहा है। इस बार भी उसकी दहशत को हथियार बनाने वाले कम नहीं हैं। वहीं संपत कोल के बारे में यह कहा जा रहा है कि चुनावी रणनीतिकारों ने ही उसे हथियार देकर जंगल में उतारा है। खाने-पीने का सामान, गोली-बंदूक और संरक्षण भी ऐसे ही लोगों के द्वारा प्रदान किया जा रहा है। यूपी और एमपी के बड़े क्षेत्र में डकैत अक्सर चुनाव के परिणामों पर असर डालते रहे हैं, इस बात से हर कोई इत्तेफाक भी रखता है।
ताकत बढ़ाने की फिराक में डकैत
पंचायत चुनावों में दहशत का इस्तेमाल अपने प्रत्याशियों के पक्ष में करने को तैयार बैठे गौरी यादव और संपत कोल फायर पावर के साथ गैंग के मेम्बरों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही गैंग लीडर ऐसे सजातीय युवकों से संपर्क कर रहे हैं, जिनका अपराधिक रिकार्ड है और वे पुलिस से बचते घूम रहे हैं। गिरोह से जोडऩे के लिए धन और बंदूक का लालच दिया जा रहा है। इस काम में गिरोह के संरक्षक पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं। 
पुलिस की पैनी नजर 
पंचायत चुनावों में बंदूक का जोर और डकैतों की दहशत को कम करने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस ने कमर कस ली हैं। तराई में मुखबिर तंत्र को मजबूत करने के लिए थाना प्रभारी प्रयासरत हैं तो निरंतर सर्चिंग और जंगल की बस्तियों में भ्रमण कर आदिवासियों व ग्रामीणों से संवाद किया जा रहा है,ताकि उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया जा सके। इसके अलावा बदमाशों के ठिकानों और आने-जाने के रास्तों को चिन्हित कर ऐसी तैयारी की जा रही है ताकि सूचना मिलते ही बहुत कम समय में डकैतों के ठिकानों पर पहुंचकर कार्रवाई कर सकें। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने एडी के थाना प्रभारियों की मीटिंग लेकर इलाके में निरंतर सक्रिय रहने और ग्रामीणों का भरोसा जीतने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे रखे हैं तो मुखबिरों को भी सक्रिय करने पर जोर दे रहे हैं।
 

Created On :   3 Dec 2020 3:46 PM IST

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