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शादी का झांसा देकर 6 साल से दैहिक शोषण कर रहे,

डिजिटल डेस्क, सतना। शादी का झांसा देकर 6 साल से एक युवती का दैहिक शोषण करने और चोरी छिपे कहीं और विवाह करने की कोशिश के आरोपी के खिलाफ पीडि़ता की शिकायत पर महिला थाने में 6 दिन से सिर्फ जांच चल रही है। जबकि विधिक मामलों के जानकारों की राय में इस श्रेणी के अपराध संज्ञेय अपराध हैं। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसे संज्ञेय अपराध की सूचना प्राप्त होते ही तत्काल एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
पीडि़ता ने एसपी से की फरियाद-
तकरीबन 6 दिन से महिला थाने के चक्कर काट रही पीडि़ता ने बुधवार को एसपी धर्मवीर से मिलकर अपराध दर्ज करने की फरियाद की। एसपी ने महिला थाना प्रभारी को तलब कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। महिला थाने की इंचार्ज कुसुम कली ने भी माना कि पीडि़ता ने 6 मई को शिकायत दर्ज कराई थी, मगर शिकायत जांच में है। महिला थाने की प्रभारी के दावे के मुताबिक आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई है, मगर वह मिला नहीं है।
फेसबुक पर हुई थी दोस्ती-
महिला थाने में 6 मई को पीडि़ता युवती ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि सभापुर थाना क्षेत्र के झोंटा निवासी 24 वर्षीय युवक कृष्णदत्त पांडेय से वर्ष 2015 में फेसबुक से दोस्ती हुई थी। फेसबुक से बात आगे बढ़ी। मोबाइल पर बातें होने लगीं तो दोस्ती गहरा गई। आरोप है कि आरोपी ने वर्ष 2016 में सतना में शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और यह सिलसिला अब तक निरंतर चलता रहा।
ऐसे आया नया मोड़-
पीडि़ता युवती की शिकायत के मुताबिक 15 दिन पहले दोनों मिले तो युवती ने शादी की बात दोहराई। आरोपी ने शादी के सवाल पर पीडि़ता से मारपीट की। इसी बीच 12 मई को पीडि़ता को पता चला कि आरोपी कृष्णदत्त पांडेय की शादी तय हो चुकी है। विगत 9 मई को तिलक और आगामी 12 मई को शादी थी। कार्ड भी छप चुके थे। पीडि़ता लिखित शिकायत के साथ 6 मई को महिला थाने पहुंची। उसने शादी का कार्ड, वाट्सएप चैटिंग और आरोपी के साथ के व्यक्तिगत चित्र भी महिला थाने को उपलब्ध कराए मगर बावजूद इसके आरोपी के खिलाफ कायमी के प्रश्न पर अभी भी पुलिस की जांच ही चल रही है। पीडि़ता ने कहा अगर कायमी नहीं हुई तो वह सीएम हेल्प लाइन में शिकायत करेगी। अगर फिर भी न्याय नहीं मिला तो शिकायत लेकर अदालत की शरण में जाएगी।
1- धर्मवीर सिंह, (एसपी) का कहना है कि पीडि़ता की शिकायत पर महिला थाना प्रभारी को तलब कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली गई है। महिला थाना प्रभारी शिकायत की जांच कर रही हैं।
2- धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, (क्रिमिनल लॉयर) ने बताया कि इस श्रेणी के अपराध संज्ञेय अपराध हैं। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसे संज्ञेय अपराध की सूचना प्राप्त होते ही पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करना चाहिए। इतनी लंबी जांच का औचित्य समझ से परे है।
Created On :   12 May 2022 2:13 PM IST












