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जनहित याचिकाकर्ता की मांग - मेलघाट में बच्चे मर रहे हैं, इसलिए तुरंत हो सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमरावती स्थित मेलघाल व राज्य के अन्य आदिवासी इलाकों में रोजाना बच्चों की मौत हो रही है, इसलिए इस मामले से संबंधित याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरुरत है। सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता बीएस साने ने बांबे हाईकोर्ट से यह आग्रह किया। डाक्टर राजेंद्र बर्मा व अन्य ने मेलघाट में कुपोषण से होनेवाली बच्चों की मौत व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। बीते 20 दिसंबर 2021 को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर नागपुर रेज के विशेष पुलिस महानिरीक्षक छेरिंग दोरजे की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद राज्य सरकार से अपेक्षा की थी वह अगली सुनवाई के दौरान यानी तीन जनवरी 2022 को एक अल्पकालिक योजना पेश करे। चूंकि सोमवार को मुख्य न्यायाधीश की पीठ उपलब्ध नहीं थी। इसलिए सामाजिक कार्यकर्ता साने ने न्यायमूर्ति एए सैय्यद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने इस मामले का उल्लेख किया। किंतु सुनवाई नहीं हो पायी। इसके बाद श्री साने ने हाईकोर्ट में एक आवेदन किया।
एक पन्ने के इस आवेदन में श्री साने ने दावा किया है कि मेलघाट व राज्य के अन्य आदिवासी इलाकों में रोजना बच्चों की मौत हो रही है। इसलिए इस मामले से संबंधति याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरुरत है। आवेदन में साने ने इस मामले से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई रखने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि मेलघाट में होनेवाली बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी श्री दोरजों को नियुक्ति किया था। कोर्ट के निर्देश के तहत श्री दोरजे ने हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौप दी है।
Created On :   3 Jan 2022 9:05 PM IST