पॉश एरिया में फूड ज्वॉइंट्स की भरमार, शाम के बाद चौपाटी जैसा नजारा घंटों चारपहिया खड़े कर  चलती है शराबखोरी

Plenty of food joints in the posh area, alcoholism takes place in the four-wheeler hours after the evening.
पॉश एरिया में फूड ज्वॉइंट्स की भरमार, शाम के बाद चौपाटी जैसा नजारा घंटों चारपहिया खड़े कर  चलती है शराबखोरी
पॉश एरिया में फूड ज्वॉइंट्स की भरमार, शाम के बाद चौपाटी जैसा नजारा घंटों चारपहिया खड़े कर  चलती है शराबखोरी

अवैध पार्किग से कराह रहा पूरा शहर  - जिसकी जहाँ मर्जी सड़क पर कब्जा किया,  सड़क पर वाहनों की भरमार से निकलना दुश्वार
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
पूरा शहर अवैध पार्किंग की चपेट से कराह रहा है। सिविल लाइन्स जैसा पॉश एरिया भी इससे अछूता नहीं रहा। यहाँ रिज रोड के बंद गेट से पेंटीनाका जाने वाले मार्ग यानी कि  डिफेंस क्षेत्र के नुक्कड़ पर शाम 6 बजे के बाद नजारा किसी चौपाटी की भाँति नजर आता है। यहाँ मौजूद फूड ज्वॉइंट्स के बाहर वाहनों की लंबी कतार रहती है। जो सड़क का अधिकांश हिस्सा घेरकर यातायात बाधित करती है। यहाँ मौजूद कारों के भीतर जंक फूड के साथ शराब पार्टी भी चलती है। नजदीक में सिविल लाइन्स थाना है परंतु पुलिस को सड़क पर हो रही इन गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं होता। देखा जाए तो पूरा सिविल लाइन्स क्षेत्र अवैध ठेलों की चपेट से कराह रहा है। लॉकडाउन के बाद से यहाँ सड़क पर अतिक्रमणकारियों  की संख्या अचानक से बढ़ गई है। सिविल लाइन्स चौराहे से माता मरियम मार्ग, होटल जैक्शन मार्ग, सिविल लाइन्स साईं मंदिर के सामने ये कुछ ऐसे स्थान हैं जहाँ फल, सब्जी के ठेले, चिकन बेचने वाले, आलू बंडा, समोसा, मंगोडे के ठेले वालों के कारण निकलना दुश्वार हो जाता है। इन मार्गों की सड़कों पर बेतरतीब वाहनों की भरमार है। 
पॉश एरिया मेें भी बढ़ा चलित गाड़ी का चलन
शहर में एक नया चलन चला है चलित गाड़ी का। इसे फूड ज्वॉइंट्स में कन्वर्ट कर थोड़ा इस्टालिश लुक देकर जहाँ मर्जी वहाँ लेकर खड़े हो जाओ। यदि एरिया पॉश मतलब सिविल लाइन्स, सदर जैसा हो तो फिर क्या कहने, जंक फूड के दाम दोगुने मिलना तय है। यहाँ चलित गाडिय़ों के सामने कारों में लदकर युवाओं की टोली पहुँचती है, जो मौज मस्ती करती है। बेरोक-टोक सड़क पर इस तरह की मनमर्जियाँ बढ़ती जा रही हैं। 
पुलिस सपोर्ट के बगैर मुमकिन नहीं
इन सारी कारगुजारियों में पुलिस का खुला सपोर्ट जंक फूड विक्रेताओं को मिलता है। सूत्र बताते हैं कि चाहे जब फ्री में ऑर्डर पूरा करना, फल, सब्जी पहुँचाने का नजीता बेरोक-टोक अतिक्रमण में रूप में सामने आ रहा है। यही कारण है कि पुलिस देखकर भी अपनी आँखें बंद करके बैठी है। 
सिविल लाइन और केंट अब तक थे अछूते
पॉश एरिया सिविल लाइन और सैन्य क्षेत्र केंट अब तक इस तरह की अराजकता से अछूते रहे हैं। कटंगा तिराहे पर सड़क पर चलने वाली दुकानों से इसकी शुरूआत हुई और दूसरे छोर तक जा पहुँची। सिविल लाइन के कई क्षेत्रों में ऐसे ठिकाने तैयार हो गए हैं जहाँ शराबखोरी होती रहती है। दूसरी तरफ इस तरह के फूड ज्वॉइंट्स में देर रात तक घमाचौकड़ी तो मचती ही है सुबह इनके द्वारा फैलाई गई गंदगी कहर ढा जाती है। साफ-सुथरी सड़कों पर प्लेट्स, दोने, पाउच और खाली मिनरल बॉटलें बिखरी पड़ी होती हैं। कटंगा में लोग रेंस्टॉरेंट के सामने शराबखोरी करते सरे आम दिखाई पड़ जाते हैं। 
देर रात तक जमावड़ा
इस तरह के फूड ज्वॉइंट्स में देर रात तक लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। जानकारों का कहना है कि कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहाँ फूड ज्वॉइंट बंद हो जाने के बाद भी लोगों की चहल-कदमी बनी रहती है। शराबखोरी के बाद कई बार तो इन सड़कों पर हुड़दंग होने लगता है जिससे सामान्य राहगीरों को निकलने में असहजता और असुरक्षा महसूस होती है। हैरानी वाली बात यह है कि इन सबके बावजूद छावनी प्रशासन और निगम की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 
 

Created On :   6 Jan 2021 2:35 PM IST

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