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प्रधानमंत्री आवास में फर्जीवाड़ा, रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त
डिजिटल डेस्क, कटनी। गरीब हितग्राहियों को आवास का लाभ दिलाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाई जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का दीमक लगने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत पौनिया निवासी बल्लू पिता रज्जू भुमिया, सतईयां पिता चिड्डा के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था। हितग्राहियों द्वारा आवास के निर्माण नहीं कराए गए लेकिन, रोजगार सहायक सुनील कुमार चौधरी ने अनियमितताओं की हद पार करते हुए आवास पूर्ण होने का जियोटेग कर दिया।
दोनों हितग्राहियों के नाम पर 2 लाख 40000 रुपए का भुगतान करने के साथ ही बल्लू भुमिया के आवास निर्माण में मनरेगा के तहत मजदूरी की राशि 15480 रुपए व सतईयां के मकान निर्माण मे मजदूरी की राशि 10416 रुपए का भुगतान भी फर्जी तरीके से करा दिया गया। रोजगार सहायक द्वारा जगदीश पिता धन्नीलाल राठौर को भी प्रधानमंत्री आवास का लाभ फर्जी तरीके से करते हुए 12000 रुपए का भुगतान व मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान किया गया।
नियमों को किया दरकिनार
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की सूची समय-समय पर ग्राम पंचायत द्वारा जनपद में उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। बावजूद इसके रोजगार सहायक सुनील चौधरी ने कायदे कानून ताक में रखकर मनमाने तरीके से योजना में फर्जीवाड़ा किया। रोजगार सहायक की इस करतूत पर सरपंच द्वारा भी नजरें इनायतें करना मुनासिब नहीं समझा गया जिससे कहीं न कहीं इस पूरे मामले में सरपंच व रोजगार सहायक की मिलीभगत होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सीईओ ने की रोजगार सहायक की सेवा समाप्त
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार करने की शिकायत खुर्शीटोला निवासी शेख मुस्ताक ने जनपद पंचायत में की थी। सीईओ के निर्देश पर मामले की जांच पंचायत समन्वय अधिकारी राजेंद्र पाटकर ने किया जिस दौरान यह तथ्य सामने आए कि रोजगार सहायक द्वारा कूटरचित तरीके से हितग्राहियों को लाभान्वित कराया गया था। योजना में धांधली की कलई खुलने के बाद पंचायत समन्वय अधिकारी ने रिपोर्ट जनपद पंचायत में सौंपी गई, जिसके बाद सीईओ के निर्देश पर मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के पत्र क्रमांक 5335/एनआरईजीएस-मप्र/स्था./एनआर-2/12 भोपाल, बिंदु क्रमांक 16 में वर्णित प्रावधानों के आधार पर रोजगार सहायक की सेवा समाप्ति कर दी गई। हालाकि अभी तक हितग्राहियों के नाम पर भुगतान की गई राशि वापस कराने संंबंधी कोई कार्रवाई जनपद पंचायत द्वारा नहीं की गई है।
इनका कहना है
पौनिया में जिन हितग्राहियों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास की राशि का भुगतान किया गया है, उसकी जांच पुन: कराई जाएगी और अगर अनियमितताएं उजागर होती हैं। यानी आवास नहीं बने तो राशि वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी।
-प्रभा तेकाम, सीईओ, जनपद विजयराघवगढ़
Created On :   28 Feb 2019 2:26 PM IST