- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- जन आक्रोश यात्रा से पहले राम कदम को...
जन आक्रोश यात्रा से पहले राम कदम को पुलिस ने हिरासत में लिया, नारायण राणे बोले - शिवसेना ने छोड़ा हिंदुत्व
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पालघर में साधुओं की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग करते हुए बुधवार को भाजपा विधायक राम कदम ने अपने निवास से घटनास्थल तक जन आक्रोश रैली निकालने की कोशिश की। लेकिन मुंबई पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी और कदम को उनके घर के बाहर से ही हिरासत में ले लिया गया। कदम ने मंगलवार को कहा था कि वे घटनास्थल तक जाएंगे और वहां भूख हड़ताल करेंगे। लेकिन लॉकडाउन और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए मुंबई पुलिस ने कदम को उनके खार स्थित निवास के बाहर से समर्थकों के साथ हिरासत में ले लिया। सभी को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया और थोड़ी देर बाद सभी को रिहा कर दिया गया। मीडिया से बातचीत करते हुए कदम ने कहा कि साधुओं की चीख देश और संत समाज भूल नहीं पाया है। कोरोना के चलते अब तक हम सड़कों पर नहीं उतर पाए लेकिन अब हम आंदोलन आगे बढ़ाएंगे हमारी मांग है कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। जन आक्रोश यात्रा को महाराष्ट्र सरकार ने जबरन रोका है। सरकार गलत हाथों में हैं हम इस कार्रवाई की निंदा करते हैं। कदम ने कहा कि हम वहां दिया जलाकर भूख हड़ताल करना चाहते थे क्या यह अपराध है। राम कदम से मिलने वरिष्ठ भाजपा नेता नारायण राणे और उनके विधायक बेटे नीतेश राणे भी पहुंचे थे। इस मौके पर नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना पर हमला बोला उन्होंने कहा कि शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है इसलिए उनसे अब किसी तरह की उम्मीद करना बेकार है। ठाकरे सरकार साधू संतों को न्याय नहीं देना चाहती। बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में पालघर के गढचिंचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीटपीटकर हत्या कर दी थी।
अपने कार्यकर्ताओं को बचाने सीबीआई जांच की मांग-सावंत
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने पलटवार करते हुए कहा कि मामले में गिरफ्तार कई आरोपी भाजपा से जुडे हैं और अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए वह सीबीआई की जांच चाहती है। उन्होंने कहा कि पालधर में साधुओं की हत्या अफसोसजनक है इसीलिए मामले में कड़ा कार्रवाई की गई है। मामले में करीब 225 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 154 पर हत्या का आरोप है। 75 लोगों के खिलाफ जमावबंदी के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की गई है। जिन पुुलिस वालों ने लापरवाही परती उन पर भी कार्रवाई की गई है। सीआईडी मामले की जांच कर रही है। लेकिन सात महीने बाद भाजपा की ओर से जिस तरह की राजनीति करने की कोशिश की जा रही है वह अफसोसनाक है। गढ़चिंचले गांव में भाजपा का वर्चस्व है 10 सालों से उनका सरपंच है। ज्यादातर राजनीतिक कार्यकर्ता भाजपा के हैं। मामले में भाजपा से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए सीबीआई जांच की मांग भाजपा कर रही है। भाजपा शासित राज्यों में भी पुजारियों की हत्या हुई लेकिन उस पर पार्टी चुप रही। इस ओछी राजनीति की हम निंदा करते हैं।
Created On :   18 Nov 2020 8:46 PM IST