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जल संसाधन की जमीन के लिए जालसाजी की एफआईआर पर खात्मा लगाने की सिफारिश कर चुकी है पुलिस!

डिजिटल डेस्क सतना। जल संसाधन विभाग के कब्जे की बेशकीमती सरकारी जमीन को हथियाने के लिए शासकीय अभिलेखों में कूट रचना कर उसका न्यायालयीन प्रकरणों में दुरुपयोग करते हुए डिक्री हासिल करने के जिस मामले में राज्य शासन का राजस्व विभाग यहां से हाईकोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, उसी सरकारी जमीन (आराजी नंबर 368,369,370 और 494) के मूल दस्तावेज से कूट रचना की आरोपी शिवानी मुखर्जी और तबके राजस्व अफसरों के खिलाफ यहां सिटी कोतवाली में आईपीसी की धारा- 420,467,468,471 ,120 बी के तहत दर्ज एफआईआर (क्राइम नंबर-794/2016) पर पुलिस खात्मा लगाने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
10 जून को की गई थी अनुशंसा :-----
इस संबंध में हाथ लगे दस्तावेज बताते हैं कि सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी के पत्र क्रमांक-789/20 दिनांक-8.6.20 के आधार पर तबके के एसपी ने अपने पत्र क्रमांक-पु.अ./ सतना/ रीडर/सीडी/12 दिनांक-10.6.20 के तहत सिटी कोतवाली में क्राइम नंबर-794/2016) के तहत दर्ज इस प्रकरण को खत्म करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। पुलिस अधीक्षक से खात्मा अनुमति सिटी कोतवाली के तबके प्रभारी ने मांगी थी और इस प्रतिवेदन पर नगर पुलिस अधीक्षक ने भी अपनी अनुशंसा की थी। इसी प्रकरण पर अभियोजन अधिकारी ने भी अपराध की पुष्टि के लिए साक्ष्य के अभाव का लेख किया था।
ऐसे दर्ज हुआ था अपराध : तहसीलदार ने की थी फर्जीवाड़े की पुष्टि :-
मार्च 2016 में लोक अभियोजक (शासकीय अभिभाषक) रमेश मिश्रा ने प्रकरण संज्ञान में आने पर रघुराजनगर के तहसीलदार को पत्र लिख कर इजराय प्रकरण क्रमांक-27/13 शिवानी मुखर्जी विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन व अन्य में दस्तावेजों की जांच कर जांच प्रतिवेदन भेजे जाने का आग्रह किया था। जवाब में शासकीय अभिभाषक को भेजे जांच प्रतिवेदन (क्रमांक-798/16/ व्यवहारवाद / 2016 में) तहसीलदार ने इस आशय की पुष्टि की कि शिवानी मुखर्जी द्वारा शासकीय अभिलेखों में कूट रचना करते हुए जलसंसाधन की जमीन पर डिक्री प्राप्त कर ली है। तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन पर शासकीय अभिभाषक रमेश मिश्रा ने नवंबर 2016 में जलसंसाधन संभाग के कार्यपालन यंत्री एसपी पटेल को पत्र लिख कर दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही के लिए एफआईआर दर्ज कराने का आग्रह किया गया। और इस तरह से शिवानी मुखर्जी और तबके राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ 28 नवंबर 2016 को सिटी कोतवाली में आईपीसी की धारा- 420,467,468,471 ,120 बी के तहत अपराध कायम किया गया। यह वही मामला है, जिस पर अब पुलिस खात्मा लगाने की सिफारिश कर चुकी है।
Created On :   22 Oct 2020 6:42 PM IST