गैंगरेप की शिकार बच्ची के पेरेंट्स खोजने पुलिस की तरकीब, फर्जी दावेदार पहुंचे थाने

Police tricks to find out the families of gangrape victim
गैंगरेप की शिकार बच्ची के पेरेंट्स खोजने पुलिस की तरकीब, फर्जी दावेदार पहुंचे थाने
गैंगरेप की शिकार बच्ची के पेरेंट्स खोजने पुलिस की तरकीब, फर्जी दावेदार पहुंचे थाने

डिजिटल डेस्क जबलपुर/।  भोपाल स्टेशन पर गैंगरेप की शिकार 12 वर्षीय बच्ची के माता-पिता की तलाश में जीआरपी भोपाल दो महीने से शहर-शहर भटक रही है, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल पाया है। इसका पता लगाने के लिए पुलिस जबलपुर में बच्ची को तीन लाख रुपए मिलने का दाना फेंककर आ गई। पुलिस टीम के भोपाल लौटने के दो दिन बाद ही एक महिला वकील के साथ दो युवक और एक महिला जीआरपी भोपाल पहुंचते हैं। इनमें से एक ने चचेरा भाई, दूसरे ने ताऊ और महिला ने खुद को बच्ची की ताई बताकर अपना परिचय पुलिस को दिया। उन्हें देख पहले तो पुलिस को लगा कि चलो अच्छा हुआ, बच्ची के परिजन तो मिल गए। लेकिन जैसे ही उन्होंने रुपए मिलने की प्रक्रिया के बारे में पूछा तो पुलिस को शक हुआ।मामले की विवेचना कर रही एसआई रेखा कुर्वेती ने कहा कि पहले बच्ची से तो मिल लीजिए। उसकी देखभाल बालिका गृह में चल रही है। परिजनों का कहना था कि बच्ची से तो हम मिल ही लेंगे, लेकिन यह बताएं कि तीन लाख रुपए कैसे मिलेंगे? यह बात सुनकर एसआई रेखा हैरान रह गई। उन्होंने कहा कि यहां कोई रुपए नहीं मिलेंगे। रुपए देने का काम शासन का है। आप लोग अपनी पूरी जानकारी यहां लिखवा दें और बच्ची से मिलना चाहते हैं, तो बालिका गृह तक हम पहुंचवा देंगे। पुलिस की बात सुन परिजनों ने पुलिस पर बच्ची से न मिलने देने के आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस पहले तो चुपचाप रही, लेकिन बाद में जब एसआई कुर्वेती ने सख्ती दिखाई, वे सभी शांत हो गए। इस दौरान उनके साथ आई महिला वकील ने नियम कानून का पाठ भी पुलिस को पढ़ाना चाहा, लेकिन एसआई कुर्वेती के आगे उनकी एक नहीं चली। दाल न गलती देख वह बच्ची से मिलकर लौटने का कहकर चलते बने। उसके बाद पुलिस उनके आने का इंतजार करती रही, लेकिन कोई नहीं आया। यह पता नहीं चल पाया कि वे लोग कौन थे?
बच्ची की नशे की लत छूटी
बच्ची को बालिका गृह में रखा गया। वहीं उसका इलाज किया जा रहा है। एसआई कुर्वेती के अनुसार उसकी हालत पहले से काफी ठीक हो गई है। अब वह सही से खाना भी खाने लगी है। उसकी नशे की लत भी छूट गई। पहले से उसके स्वास्थ्य में अब बहुत सुधार आ गया है। एसआई कुर्वेती ने बताया कि अब वे और उनकी टीम जबलपुर, इटारसी और पिपरिया के एक दर्जन से अधिक बार चक्कर लगा चुकी है, लेकिन अब तक उसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया है।

 

Created On :   27 Dec 2017 1:17 PM IST

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