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पुलिस बनाएगी अस्पतालों का वाट्सएप ग्रुप, डॉक्टरों पर हमले रोकने की कवायद
डिजिटल डेस्क,मुंबई। डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ को हिंसा से बचाने के लिए राज्य के सभी पुलिस स्टेशनो को जरूरी कदम उठाने के लिए परिपत्र जारी किया गया है। इसके साथ ही सभी पुलिस स्टेशनों को उनके इलाके में स्थित चिकित्सा प्रतिष्ठानों का वाट्सएप समूह बनाने का निर्देश दिया जाएगा। राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। हलफनामें कहा गया है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक की ओर से सभी पुलिस स्टेशनों को डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है। परिपत्र में पुलिस को डॉक्टरो पर हिंसा के मामले में मामला दर्ज करने व महाराष्ट्र मेडिकेयर सर्विस पर्सन एंड मेडिकेयर इंस्टीट्यूशन अधिनियम 2010 के बारे में भी जानकारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव ने यह हलफनामा डॉक्टरों को मरीजों के परिजनों की हिंसा से बचाने को लेकर डॉक्टर राजीव जोशी की ओर से दायर जनहित याचिका पर अदालत की ओर से दिए गए निर्देश के तहत दायर किया है।
पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। कोर्ट की इस टिप्पणी के मद्देनजर हलफनामे में कहा गया है कि सरकार ने डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए हैं। हलफनामे में कहा गया है कि राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र स्टेट सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन के 1088 जवान तैनात किए गए हैं। मुंबई महानगरपालिका के तीन अस्पतालों में 295 सुरक्षारक्षक तैनात हैं। इसके अलावा पुलिस को नियमित अंतराल पर गश्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। हलफनामे के मुताबिक सभी अस्पतालों में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें डॉक्टरो पर हमला न करने की बात कही गई है।डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति व उपचार से जुड़े दस्तावेज व्हाट्सएप व ईमेल के जरिए मरीज के परिजनों को देने के लिए कहा गया है। हलफनामे में कहा गया है कि महाराष्ट्र मेडिकेयर सर्विस पर्सन एंड मेडिकेयर इंस्टीट्यूशन अधिनियम 2010 की समीक्षा के लिए एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी को तीन महीने के भीतर डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा को लेकर सरकार को सुझाव देने के लिए कहा गया है।
हलफनामे के अनुसार कमेटी की दो बैठक हो चुकी है। इस दौरान आए कई सुझावों को लागू भी कर दिया गया है। सभी पुलिस स्टेशनों को उनके दायरे में स्थित चिकित्सा प्रतिष्ठानों का व्हाट्सएप समूह बनाने का सुझाव भी कमेटी की बैठक में आया था। जिसको लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे। वैसे डायल 100 का विकल्प भी है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 2 जून 2021 को होगी।
Created On :   29 May 2021 6:39 PM IST