दो सौ रुपए की घूस मामले में दोषी पुलिसकर्मी 24 साल बाद केस से बरी, मरने के बाद परिजन ने दिलाया न्याय

Policemen convicted in bribery case of two hundred rupees acquitted after 24 years
दो सौ रुपए की घूस मामले में दोषी पुलिसकर्मी 24 साल बाद केस से बरी, मरने के बाद परिजन ने दिलाया न्याय
हाईकोर्ट दो सौ रुपए की घूस मामले में दोषी पुलिसकर्मी 24 साल बाद केस से बरी, मरने के बाद परिजन ने दिलाया न्याय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने दो सौ रुपए की घूस लेने के आरोप में दोषी पाए गए एक पुलिसकर्मी को 24 साल बाद बरी कर दिया है। चूंकी आरोपी पुलिसकर्मी की इस अपील पर सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। इसलिए उसकी पत्नी व बच्चों ने उसकी कानूनी लड़ाई लड़ी और पुलिसकर्मी के लिए न्याय हासिल किया। निचली अदालत ने 1998 में पुलिसकर्मी नागनाथ चावरे को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत दोषी ठहराते हुए डेढ साल के कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ चावरे ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 

सरकारी वकील ने न्यायमूर्ति पीडी नाईक के सामने  कहा कि चावरे ने एक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए दो सौ रुपए घूस के रुप में लिए थे। आरोपी चावरे पर लगे सभी आरोप साबित हुए है। इसलिए निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करना अपेक्षित नहीं है। वहीं चावरे के घरवालों की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि मामले से जुड़े गवाह विरोधाभासी है। अभियोजन पक्ष इस मामले में मेरे मुवक्किल के खिलाफ रिश्वत की मांग व स्वीकार करने की बात को साबित नहीं कर पाया है। मेरे मुवक्किल पर लगाए गए आरोप आधारहीन है। उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि मामले से जुड़े गवाहों की गवाही विश्वास पैदा नहीं करती है। वह संदिग्ध लगती है। इसलिए आरोपी को संदेह का लाभ मिलना जरुरी है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने आरोपी को दोषी ठहरानेवाले निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया और आरोपी को घूसखोरी के आरोप से मुक्त कर दिया। 

Created On :   3 April 2022 1:08 PM IST

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