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पॉलिसी धारक ने कहा - बीमा कंपनी प्रीमियम लेने के बाद भी नहीं दे रही सहायता
घर पर रहकर इलाज कराने पर भी नहीं दिया स्टार ने क्लेम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एक उम्मीद के साथ आम आदमी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेता है और प्रतिवर्ष उसकी प्रीमियम का भी भुगतान करता है। यह सब कवायद भविष्य में असमय आने वाली परेशानी से बचने के लिए की जाती है। पॉलिसी लेकर अपने आप को सुरक्षित पॉलिसी धारक समझता है पर ये भी जरूरत में काम नहीं आने पर अब बीमितों के बीच अक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। ऐसी ही अनेक शिकायतें आ रही हैं। बीमा कंपनी अस्पतालों में भी कैशलेस नहीं दे रही है। पॉलिसी धारकों को सारे बिल, पॉलिसी लेने के बाद भी जेब से भुगतान करना पड़ रहा है और जब बीमित सारे बिलों के भुगतान के लिए बीमा कंपनी में क्लेम कर रहा है तो बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट करने में लगी है। बीमा कंपनी की सर्वे टीम पॉलिसी धारकों के विश्वास को तोडऩे में लगी है और गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करके बीमा धारकों को भटकाने में जुटी है। पीडि़तों का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदार जानबूझकर भुगतान में रोक लगाते हैं और उसके बाद सही जवाब भी नहीं देते।
आठ साल से भटक रही बीमा क्लेम पाने के लिए महिला
बनारसीदास वार्ड निवासी खिल्लो बाई चक्रवर्ती ने बताया कि पति रघुनाथ चक्रवर्ती ने स्टार हेल्थ से पॉलिसी ले रखी थी। अचानक बीमार होने के कारण उन्हें आदित्य अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। आदित्य अस्पताल स्टार हेल्थ का लिंक अस्पताल है उसके बाद भी कैशलेस की सुविधा बीमा कंपनी ने नहीं दी। पाँच दिनों तक चले इलाज का भुगतान अपने पास से करना पड़ा। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल लगाए गए तो बीमा कंपनी की सर्वे व क्लेम टीम ने अनेक क्वेरी निकालीं। पॉलिसी धारक ने सारे दस्तावेज दिए। उसके बाद जल्द क्लेम सेटल करने का वादा किया था पर 15 हजार 679 रुपए का भुगतान बीमा कंपनी ने आज तक नहीं किया। 8 साल बाद भी बीमा कंपनी किसी तरह का जवाब नहीं दे रही है। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी हमारे साथ जालसाजी कर रही है और इसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई प्रशासन को करनी चाहिए।
क्लेम नहीं दिया और अब पॉलिसी रिन्यू कराने बना रहे दबाव
गोरखपुर निवासी जैनेन्द्र विश्वकर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ से पॉलिसी ली थी। पत्नी को सर्दी होने के कारण सिटी अस्पताल में भर्ती कराया था। पत्नी के इलाज में 90 हजार रुपए खर्च हुए और बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया। अस्पताल के बिल सबमिट करने पर अनेक क्वेरी निकालीं और उसके बाद यह कहकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया कि आपकी पत्नी की बीमारी पाँच साल पुरानी है इसलिए हम बीमा क्लेम नहीं दे सकते। पीडि़त का आरोप है कि बीमा पॉलिसी हम सालों से चला रहे हैं पर बीमा कंपनी ने हमारे साथ धोखा किया है। वहीं अब बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने के लिए बीमा कंपनी दबाव बना रही है। फोन करने वालों से क्लेम सेटल कराने की बात की जाती है तो वे कहते हैं कि पहले पॉलिसी रिन्यू कराओ फिर हम आपका क्लेम सेटल करेंगे। यह बात हर बार बोलते हैं पर आज तक उनका भुगतान बीमा कंपनी द्वारा नहीं दिया गया।
इनका कहना है
हमारी कंपनी की क्लेम टीम है और वह परीक्षण करने के बाद ही सारे क्लेम सेटल करती है। पॉलिसी धारकों को क्लेम क्यों नहीं मिल पाया है इस संबंध में परीक्षण कराने के बाद जल्द निराकरण किया जाएगा।
-कुलदीप मिश्रा, स्टार हेल्थ
Created On :   13 July 2021 4:01 PM IST