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शिवसेना छोड़ एनसीपी के साथ गठबंधन न करना बड़ी चूक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि फडणवीस सरकार के दौरान साल 2017 में शिवसेना को छोड़कर राकांपा के साथ गठबंधन न करना भाजपा की चूक थी। जिसका अब प्रायश्चित हम कर रहे हैं। मुनगंटीवार ने यह बात भाजपा के विधायक आशीष शेलार के साल 2017 में राकांपा और शिवसेना के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव होने का दावा करने वाले बयान के एक दिन बाद आया है। गुरुवार को चंद्रपुर में मुनगंटीवार ने कहा कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में फडणवीस सरकार के विश्वास मत के दौरान राकांपा ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को समर्थन दिया था। जिसके बाद साल 2017 में भाजपा और राकांपा के गठजोड़ वाली सरकार बनाने के विकल्प पर चर्चा हुई थी। इसके बाद सरकार बनाने के लिए कुछ तैयारी भी हुई थी। लेकिन पार्टी के भीतर मेरे सहित कई नेताओं का विचार था कि भाजपा की तत्कालीन सहयोगी शिवसेना को छोड़कर राकांपा के साथ सरकार बनाना उचित नहीं होगा। उस समय भाजपा ने शिवसेना का साथ नहीं छोड़ा। मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा नेता आशीष शेलार के बयान में तथ्य है। क्योंकि मैं खुद सभी घटनाक्रमों का गवाह रहा हूं। मुनगंटीवार ने कहा कि साल 2017 में राकांपा के साथ गठजोड़ न करना चूक थी। जिसका हमें पछतावा है। जबकि शेलार ने अपने एक दिन पहले दिए गए बयान को गुरुवार को फिर दोहराया। मुंबई में शेलार ने कहा कि साल 2017 में भाजपा के पास राकांपा के साथ सरकार बनाने का ऑफर था। लेकिन भाजपा ने शिवसेना का साथ नहीं छोड़ा था। मगर साल 2019 में मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ दिया।
शेलार को साल 2017 में बता देना चाहिए था, पांच साल क्यों रुके - उपमुख्यमंत्री
शेलार के दावे पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जवाब दिया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा शेलार राकांपा के साथ सरकार बनाने की बात साल 2017 में क्यों नहीं सार्वजनिक कर दी। उन्होंने इसका खुलासा करने के लिए साल 2022 तक इंतजार क्यों किया? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को पुरानी बातों में कोई रुचि नहीं होती। हमें राज्य की महत्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए।
यह आघाडी में भ्रम पैदा करने की कोशिशः तपासे
जबकि प्रदेश राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि भाजपा नेता मुनगंटीवार और शेलार महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों के बीच भ्रम पैदा करने और तीनों दलों में अविश्वास पैदा करने के लिए बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी के नेताओं के बीच एक-दूसरे के विरोध में संदेह पैदा करने के लिए इस तरह का बयान दिया जा रहा है। साल 2017 में भाजपा और शिवसेना की सरकार थी। उस समय कोई संवैधनिक संकट भी पैदा नहीं हुआ था। ऐसी स्थिति में मुनगंटीवार और शेलार ने इस तरह का मजाकिया बयान कैसे दिया? यह भी एक सवाल है।
अफवाह फैलाई जा रही है - राऊत
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने भाजपा नेता शेलार का नाम लिए बैगर कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
शेलार ने क्या कहा था
भाजपा नेता शेलार ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि साल 2017 में भाजपा, शिवसेना और राकांपा तीनों दलों की सरकार बनाने की तैयारी हो गई थी। राकांपा को सरकार के विभागों की हिस्सेदारी और लोकसभा की सीटों के बंटवारे के बारे में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा भी हो गई थी। लेकिन राकांपा ने शिवसेना के साथ सत्ता में शामिल होने का विरोध किया था। जिसके बाद भाजपा का राकांपा के साथ गठबंधन नहीं हो पाया था।
Created On :   28 April 2022 8:20 PM IST