चुनावी ड्यूटी के दौरान हुई बीमार, मौत से बढ़ा विवाद

Preeti Durve employee of cultural department of the Ministry died
चुनावी ड्यूटी के दौरान हुई बीमार, मौत से बढ़ा विवाद
चुनावी ड्यूटी के दौरान हुई बीमार, मौत से बढ़ा विवाद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मंत्रालय के सांस्कृतिक विभाग की कर्मचारी प्रीति अत्राम दुर्वे ने इलाज के दौरान शुक्रवार को दम तोड़ दिया। इससे विवाद और गहरा गया है। दुर्वे के परिवार वालों का आरोप है कि बीमार होने के बावजूद उन्हें चुनावी ड्यूटी के लिए मजबूर किया गया, लेकिन जिलाधिकारी शिवाजी जोंधले ने बयान दर्ज कर सफाई दी है कि चुनाव विभाग को दुर्वे की बीमारी की कोई जानकारी नहीं दी गई थी ना ही चुनावी ड्यूटी से अलग रखने की अर्जी दी गई थी।

दरअसल,  दुर्वे को 18 अप्रैल को पीलिया की शिकायत हो गई थी। परिवार और करीबियों के मुताबिक उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में चुनावी ड्यूटी से मुक्त किए जाने की अर्जी दी थी, लेकिन कथित तौर पर शिवडी विधानसभा क्षेत्र जिला चुनाव आयोग के अधिकारी ने अर्जी अस्वीकार कर दी। 29 अप्रैल को मतदान के दौरान तबीयत ज्यादा खराब होने पर दुर्वे को कस्तूरबा अस्पताल में दाखिल कराया गया। तबीयत और बिगड़ी तो उन्हें नायर अस्पताल में भेज दिया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। डेढ़ साल के जुड़वा बच्चों की मां दुर्वे की मौत से उनका परिवार सदमे में हैं। दुर्वे के पति लोकेश का आरोप है कि प्रशासन की ओर से उन्हें किसी तरह की मदद या सांत्वना नहीं मिली है। 

जिलाधिकारी की सफाई 
मामले में जिलाधिकारी शिवाजी जोंधले ने कहा है कि दुर्वे का निधन बेहद दुखद घटना है। हम परिवार के दुख में शामिल हैं। जोंधले के मुताबिक बीमारी के बारे में चुनाव विभाग को जानकारी नहीं दी गई थी। काम से छुट्टी मांगे जाने पर चुनाव विभाग के पास मौजूद अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर लगाया जाता है और अर्जी करने वाले को चुनावी ड्यूटी न करने की छूट दी जाती है। मतदान के दिन तबीयत खराब होने के चलते जोनल अधिकारी ने उन्हें अस्पताल जाने की सलाह दी, लेकिन दुर्वे ने घर जाने का फैसला किया। उन्हें नजदीकी रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। अस्पताल में दाखिल होने की जानकारी मिलने के बाद चुनाव निर्णय अधिकारी दो बार उनका हालचाल लेने अस्पताल भी गए। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक परिवार की मदद की जाएगी। जोंधले के मुताबिक चुनावी ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारियों को कहा गया था कि कोई परेशानी होने पर वे सूचना दें। ऐसे 1900 कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी से छुट्टी दी गई जिन्होंने इसके लिए अर्जी की थी।

Created On :   11 May 2019 6:32 PM IST

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