डकैत गिरोहों पर दबाव - तराई में पुलिस ने बढ़ाई सर्चिंग, आदिवासियों से किया संवाद 

Pressure on dacoit gangs - police increased search in Terai, communicated with tribals
डकैत गिरोहों पर दबाव - तराई में पुलिस ने बढ़ाई सर्चिंग, आदिवासियों से किया संवाद 
डकैत गिरोहों पर दबाव - तराई में पुलिस ने बढ़ाई सर्चिंग, आदिवासियों से किया संवाद 

डिजिटल डेस्क सतना। तराई में डेढ़ लाख के इनामी गौरी यादव के साथ-साथ तेजी से पैर पसार रहे संपत कोल गिरोह ने दोनों राज्यों की पुलिस के कान खड़े कर दिए हैं। ऐसे में नयागांव थाना प्रभारी आरबी त्रिपाठी ने मुखबिरों की सूचना पर यूपी की सीमा से लगे सेजवार, भैरम बाबा, हरदुआ, थरपहाड़ और मोहकमगढ़ के मुश्किल इलाके में दल-बल के साथ पैदल मार्च कर भौगोलिक स्थितियों का जायजा लिया तो आदिवासियों, चरवाहों और किसानों से रुबरु होकर उनसे संवाद किया। इस दौरान ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया तो बदमाशों की गतिविधियों के बारे में बताने की समझाइश दी। इसके अलावा पुलिस टीम ने डकैतों के आने-जाने के रास्तो, पनाह लेने के अड्डों और मददगारों को चिन्हित किया। आने वाले दिनों में तमाम ऐसे पनाह दाताओं की गिरफ्तारी हो सकती है। इसके लिए एसपी धर्मवीर सिंह ने यूपी के चित्रकूट जिले के एसपी से चर्चा कर योजना तैयार कर ली है।
चुनावों में डकैतों की मौजूदगी से पड़ेगा असर
तीन स्तरीय पंचायत चुनावों के लड़ाको के संरक्षण में नवोदित गैंग लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके में दहशत फैलाने के लिए फोन पर धमकियों के साथ ही,ग्रामीणों की पिटाई और सरकारी कामों में अड़ंगा डालने में कोल गिरोह ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं दोनों राज्यों की पुलिस सिर्फ लकीर पीटकर खानापूर्ति में व्यस्त है। जिसका खामियाजा स्थानीय व्यापारियों, ठेकेदारों, सरकारी अधिकारी-कर्र्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को उठाना पड़ रहा है। उधर गौरी गिरोह ने बरौंधा, मझगवां, फतेहगंज से लगे इलाके में चौथ वसूली का फरमान जारी कर दिया है और कहा है कि यदि बात नहीं मानी गई तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। 
सक्रिय हैं छुट भइये बदमाश 
तराई में सबसे बड़े डकैत बबुली कोल और उसके राइट हैंड लवलेश कोल के मारे जाने के बाद इलाके में कई बदमाशों ने पैर पसारने की कोशिश की मगर यूपी और एमपी की पुलिस ने समय रहते उन पर काबू पा लिया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद गौरी यादव गिरोह का खात्मा करने में कामयाबी नहीं मिली,फिलहाल तराई में सबसे मजबूत फायर पावर वाला गैंग उसी का है, तो दूसरी तरफ संपत कोल ने तेजी से अपनी दहशत कायम करने के लिए वारदातों और धमकियों का सिलसिला शुरु कर दिया है। 

Created On :   4 Jan 2021 5:37 PM IST

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