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प्रिंस ने तोड़ा दम, अस्पताल में शार्टसर्किट से झुलसा, काटना पड़ा था हाथ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी केईएम अस्पताल में इलाज के दौरान आग लगने के चलते जख्मी हुए दो महीने के बच्चे की मौत हो गई। आईसीयू में दाखिल प्रिंस राजभर नाम के बच्चे को गुरूवार देर रात दौरा पड़ा जिसके बाद उसकी मौत हो गई। आग में झुलसने के चलते बच्चे का एक हाथ काटना पड़ा था और उसकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। इस मामले में बच्चे के पिता की शिकायत पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया है। दो पहले ही मनपा प्रशासन ने मुआवजे के तौर पर प्रिंस के परिजनों को 10 लाख रुपए देने का एलान किया था।
प्रिंस के पिता पन्नेलाल राजभर मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में स्थित कबिराजपुर के रहने वाले हैं। करीब ढाई महीने पहले पैदा हुए प्रिंस की तबीयत लगातार खराब रहती थी। वाराणसी के सर सुंदरलाल अस्पताल में जांच के दौरान पता चला कि उसके दिल में छेद है। इसके बाद परिवार वाले बच्चे को इलाज के लिए मुंबई के केईएम अस्पताल में पहुंचे। यहां इलाज के दौरान सात नवंबर को ईसीजी मशीन में शॉर्ट सर्किट हुए जिसके चलते प्रिंस जिस बिस्तर पर लेटा था उसके गद्दे और उस पर रखे कागज में आग लग गई। आग में प्रिंस के चेहरे का एक हिस्सा और दाया हाथ इतनी बुरी तरह झुलस गया कि जिसकी वजह से उसका हाथ काटना पड़ा।
मंगलवार को प्रिंस की सर्जरी की गई थी लेकिन उसकी तबीयत उसके बाद से खराब होनी शुरू हो गई। केईएम अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर हेमंत देशमुख ने शुक्रवार को जानकारी दी कि दिल का दौरा पड़ने के चलते प्रिंस की मौत हो गई है। अस्पताल में भर्ती होने के 15 दिन बाद प्रिंस ने दम तोड़ा। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से नाराज राजभर ने 13 नवंबर को भोईवाडा पुलिस स्टेशन में मामले की शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 338 के तहत लापरवाही का मामला दर्ज किया है। इस मामले में राजभर ने मुंबई महानगर पालिका आयुक्त प्रवीण परदेशी से मुलाकात की थी। बीएमसी ने पहले परिवार को पांच लाख रुपए नुकसान भरपाई देने को कहा था लेकिन परिवार ने इसे ठुकरा दिया जिसके बाद परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजे का प्रस्ताव दिया गया।
Created On :   22 Nov 2019 7:25 PM IST