विचाराधीन बंदी की तीसरे दिन ही जेल में मौत, गांजा की खेती करने का था आरोप

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विचाराधीन बंदी की तीसरे दिन ही जेल में मौत, गांजा की खेती करने का था आरोप

डिजिटल डेस्क, सतना। गांजा की खेती के आरोप में जेल जाने के तीसरे दिन ही अधेड़ की मौत हो गई, जिस पर मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। अस्पताल चौकी पुलिस के मुताबिक शुक्रवार रात को उपजेल नागौद में तबियत बिगड़ने पर सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी पुत्र रामप्रसाद द्विवेदी 55 वर्ष निवासी मझगवां-खैरुआ को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर शनिवार सुबह सुरेन्द्र को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। तकरीबन 12 बजे यहां लाए जाने पर डॉ. अभिनव चौरसिया ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। मृतक का शव मरचुरी में रखवाकर आरक्षक रामेश्वर प्रसाद और विनोद सिंह तोमर ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर दिया।

जेल प्रबंधन पर आरोप

शाम करीब 4 बजे जिला अस्पताल आए मृतक के बेटे मनोज द्विवेदी ने उपजेल नागौद के अधिकारियों को पिता की मौत का जिम्मेदार ठहराया। युवक ने बताया कि उसके पिता उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीज थे, उनका इलाज नागपुर में चल रहा था, लेकिन जेल जाने के बाद से दवा नहीं खा रहे थे। उसने कई बार जेल जाकर पिता के पास तक दवाई पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों-कर्मचारियों ने मिलने नहीं दिया। इसी वजह से उनकी तबियत बिगड़ी और जान चली गई। बेटे ने यह भी कहा कि मौत की सूचना पुलिस थाने या जेल में नहीं मिली, बल्कि परिचितों से खबर मिली। मृतक के शव का पोस्टमार्टम भी शनिवार शाम को नहीं हो पाया।

गांजा की खेती के आरोप में हुई गिरफ्तारी

नागौद पुलिस के मुताबिक विगत 17 जुलाई की शाम को सूचना मिली थी कि मझगवां-खैरुआ निवासी सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी की बगिया में गांजा के पेड़ लगे हैं, जिस पर दबिश देकर तलाशी ली गई तो 26 पेड़ मौके पर मिले थे, जिसका वजन साढ़े 15 किलो था। तब एनडीपीएस एक्ट के तहत कायमी कर 18 जुलाई की दोपहर आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था।

Created On :   21 July 2019 11:41 AM GMT

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