अजीवन कारावास का कैदी फांसी पर झूला, जेल में मचा हड़कंप, एक माह में दूसरी वारदात

Prisoner of life imprisonment hanging, second incident this month
अजीवन कारावास का कैदी फांसी पर झूला, जेल में मचा हड़कंप, एक माह में दूसरी वारदात
अजीवन कारावास का कैदी फांसी पर झूला, जेल में मचा हड़कंप, एक माह में दूसरी वारदात

डिजिटल डेस्क, सतना। सेंट्रल जेल में 9 साल से आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी ने शनिवार की दोपहर फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली। कैदी ने  उद्योग कार्यालय में सूत की रस्सी से फंदा बनाया और पंखे से झूल गया। घटना के बाद से जेल प्रशासन में हड़कंप की स्थिति निर्मित है। मृतक ने यह कदम क्यों उठाया इसकी जांच की जा रही है।उल्लेखनीय है कि  जिले के बरौंधा थाना क्षेत्र के भंवर निवासी 31 वर्षीय कैदी अनिल कुशवाहा पिता बेटू को पन्ना की सेशन कोर्ट ने 2 जुलाई  2010 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसे 7 दिन के अंदर ही पन्ना जेल से सेंट्रल जेल सतना भेज दिया गया था। केंद्रीय कारागार में 25 दिन के अंदर किसी कैदी द्वारा आत्महत्या की ये दूसरी घटना है। इससे पहले चित्रकूट के 2 जुड़वा भाइयों के अपहरण और निर्मम हत्या के एक विचाराधीन बंदी रामकेश यादव पिता रामचरण ने भी फांसी लगा ली थी। केंद्रीय कारागार के अधीक्षक नारेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दोपहर साढ़े 4 बजे के करीब उद्योग कार्यालय में सूत की रस्सी से फंदा बनाया और पंखे से झूल गया। उन्होंने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जांच कराने का आग्रह किया गया है।
 

पोस्ट मार्टम से होगा खुलासा
कोलगवां पुलिस ने जांच शुरु कर दी है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। घटना की खबर मिलते ही एसडीएम पीएस त्रिपाठी , सीएसपी विजय प्रताप सिंह और  पुलिस के एफएसएल आफीसर महेन्द्र सिंह को भी जांच के लिए मौके पर  पहुंचे। मृतक के परिजनों को खबर कर दी गई है। पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया गया, इसके बाद मामले का खुलासा होने की संभावना है।
 

जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ी
सेंट्रल जेल में महज 25 दिन के अंदर किसी दंडित कैदी की खुदकुशी की ये दूसरी घटना है। कैंपस के अंदर एक के बाद दूसरी घटना ने जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उल्लेखनीय है, इससे पहले चित्रकूट से 6 साल के जुड़वा भाइयों श्रेयांश और प्रियांश के अपरहण और हत्या के 6 आरोपियों में से एक रामकेश यादव पिता रामचरण ने  सेंट्रल जेल की अंडर ट्रायल बैरक के बाहर फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली। आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में था। केंद्रीय कारागार में किसी कैदी के फंासी लगाकर मरने की ये पहली घटना थी। विचाराधीन कैदी ने गमछे को रेलिंग से बांध कर खुदकुशी की थी।
 

उधर मेनगेट में बेहोश हो गया दंडित कैदी
सेंट्रल जेल के मुख्य द्वार में शनिवार की दोपहर 25 वर्षीय एक दंडित बंदी खुशबू त्रिपाठी चक्कर खाकर बेहोश हो गया। उसे फौरन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पतेरी निवासी खुशबू त्रिपाठी को हत्या की कोशिश पर 6 साल पहले 10 वर्ष की सजा पड़ी थी। शनिवार को सुबह 10 बजे 5 अन्य बंदियों के साथ उसे रुटीन चेकअप के साथ जिला अस्पताल ले जाया गया था,दोपहर 12 बजे सभी बंदी वापस सेंट्रल जेल ले जाए गए। बताया गया है कि जैसे ही खुशबू केंद्रीय कारागार के मेन गेट पर पहुंचा उसे चक्कर आ गया। वो वहीं पर बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे पिछले 6 माह से यूरिन में ब्लड आने की शिकायत थी।

Created On :   2 Jun 2019 11:55 AM GMT

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