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परिजन की मौत होने पर कैदियों को मिलेगी सात दिनों की आपातकालिन पैरोल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में कैदियों को दादा, दादी, पिता, माता, पति/पत्नि, बेटा, बेटी, भाई और बहन की मृत्यु से संबंधित अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए यात्रा के समय को मिलाकर अब सात दिन की आपातकालीन (आकस्मिक) पैरोलमिल सकेगी। ऐसे कैदियों के लिए कारागृह अधीक्षक लिखित आदेश पारित करके सात दिन की आपातकालीन पैरोल मंजूर कर सकेंगे। कारागृह अधीक्षक के पास आपातकालीन पैरोल की सात दिनों की अवधि खत्म होने से पहले तर्कसंगत कारणों के साथ पैरोल की अवधि और सात दिनों तक बढ़ाने का अधिकार होगा। कैदियों का कुल मिलाकर 14 दिन से अधिक आपातकालीन पैरोल नहीं दिया जा सकेगा। विदेशी कैदियों और मृत्यदंड की सजा वाले कैदियों को आपातकालीन पैरोल की छूट नहीं मिल सकेगी। राज्य सरकार के गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में सरकार ने महाराष्ट्र कारागृह (मुंबई फरलो और पैरोल) नियम 1959 में संशोधन किया है। अब इस नियम को महाराष्ट्र कारागृह (मुंबई फरलो और पैरोल) ( संशोधन) नियम 2022 के नाम से जाना जाएगा। अधिसूचना के अनुसार कारागृह अधीक्षक कैदियों के अपराध का स्वरूप, व्यवहार और बर्ताव के आधार पर आपातकालीन पैरोल पुलिस बंदोबस्त के साथ देने के बारे में फैसला ले सकते हैं। पुलिस बंदोबस्त के लिए कैदियों को पुलिस सुरक्षा के खर्च का खुद वहन करना होगा। कैदी और उनके परिजन की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर अपवादात्मक परिस्थिति में कारागृह उपमहानिरीक्षक के तर्कसंकत आदेश द्वारा खर्च को माफ किया जा सकेगा। यदि बिना पुलिस बंदोबस्त केआपातकालीन पैरोल मंजूर किया गया होगा तो संबंधित कैदी को हर दिन स्थानीय पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी।
विवाह समारोह के लिए मिल सकेगा विशेष पैरोल
विदेशी कैदियों और मृत्यु दंड की सजा काटने वाले कैदियों को छोड़कर बाकी कैदियों को बेटे, बेटी, भाई और बहन के विवाह समारोह के लिए चार दिन का विशेष पैरोल मिल सकेगा। कारागृह के उपमहानिरीक्षक को उचित कारण होने पर विशेष पैरोल की अवधि और चार दिन तक बढ़ाने का अधिकार होगा। कैदियों को विशेष पैरोल अधिकतम आठ दिन से ज्यादा नही मिल सकेगा।
Created On :   18 Feb 2022 7:01 PM IST