निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले बतानी होगी वजह - स्कूल शिक्षा विभाग का निर्णय, न सुनने पर होगी सख्त कार्रवाई

Private schools need to be told before increasing fees - decision of school education department
निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले बतानी होगी वजह - स्कूल शिक्षा विभाग का निर्णय, न सुनने पर होगी सख्त कार्रवाई
निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले बतानी होगी वजह - स्कूल शिक्षा विभाग का निर्णय, न सुनने पर होगी सख्त कार्रवाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना काल में वैसे ही लोगों की जीविका पर संकट आ गया है। ऐसे में यदि निजी स्कूल फीस बढ़ाते हैं, तो अभिभावकों की मुसीबत हो जाएगी। यही कारण है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निजी स्कूल बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों को शासन स्तर पर इसकी जानकारी देनी होगी और न सुनने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि कोरोना के संकट में अभिभावकों की ढेरों शिकायतें विभाग के पास पहुँची हैं, जिसमें अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने की बात कर रहे हैं। जो अभिभावकों के साथ न्यायसंगत नहीं है। हालाँकि स्कूलों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपनी सुविधानुसार ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन परीक्षाएँ ले सकते हैं।
स्कूलों का समय बढ़ा लेकिन विद्यार्थियों की उपस्थिति रही कम
स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों का समय दो घंटे बढ़ा दिया है। इसकी वजह कक्षाओं में अधूरे कोर्स को पूरा कराना है। आदेश के तहत अब स्कूल आठ घंटे सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक संचालित हो रहे हैं। आदेश आते ही स्कूलों में शिक्षक तो पहुँच गए, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या खासी कम रही।  विभाग का मानना है कि कोविड-19 के चलते लगभग छह माह स्कूलों की कक्षाएँ नहीं लगी हैं। इधर वार्षिक परीक्षाओं का समय नजदीक आ रहा है। नियमित कक्षाएँ न लगने का असर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामों पर न पड़े इसके लिए 2 घंटे का समय स्कूलों में बढ़ाया गया है। इधर शिक्षकों का कहना है कि कक्षाओं में जितने विद्यार्थी पहुँच रहे हैं उन्हें ही अध्यापन करा दिया जा रहा है। 

Created On :   13 March 2021 12:57 PM GMT

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