डाइट के प्रभारी प्राचार्य को प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर रोक 

Prohibited from sending Principal in charge of Diet on deputation
डाइट के प्रभारी प्राचार्य को प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर रोक 
डाइट के प्रभारी प्राचार्य को प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर रोक 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने शहडोल जिला में डाइट में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य को लोकशिक्षण संचालनालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के आदेश पर रोक लगा दी है। एकलपीठ ने राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग और आयुक्त लोकशिक्षण को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। शहडोल जिला में डाइट में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य आरके मंगलानी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 22 जनवरी 2021 को आदेश जारी कर उनकी सेवाओं को प्रतिनियुक्ति मानते हुए उनके मूल विभाग लोकशिक्षण संचालनालय को सौंपने का आदेश दिया है।  राज्य सरकार ने  याचिकाकर्ता को वर्ष  2008 में  पदोन्नत कर डाइट शहडोल में पदस्थ किया था। प्राचार्य का पद रिक्त होने पर वरिष्ठ व्याख्याता होने के कारण उन्हें प्राचार्य के पद का प्रभार दिया गया था, जिसमें प्रतिनियुक्ति सेवा संबंधी कोई बात नहीं लिखी गई थी।  पूर्व में भी शहडोल कलेक्टर ने याचिकाकर्ता से प्राचार्य के पद का  प्रभार वापस ले लिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया था। अधिवक्ता मनोज कुशवाहा ने तर्क दिया कि एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता की शिकायत पर याचिकाकर्ता को प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा रहा है। वर्ष  2011 में मध्य प्रदेश स्कूल एजुकेशन टीचर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एकेडमी सर्विस रूल्स के अनुसार याचिकाकर्ता की सेवाएँ स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आती हैं, इसलिए याचिकाकर्ता को लोकशिक्षण संचालनालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजना गलत है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के आदेश पर रोक लगा दी। 

Created On :   9 Feb 2021 10:04 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story