32.175 करोड़ की रिकवरी के लिए कमल स्पांज के प्लांट समेत प्रापर्टी जब्त

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32.175 करोड़ की रिकवरी के लिए कमल स्पांज के प्लांट समेत प्रापर्टी जब्त
32.175 करोड़ की रिकवरी के लिए कमल स्पांज के प्लांट समेत प्रापर्टी जब्त

डिजिटज डेस्क सतना। मनी लॉड्रिंग के एक मामले में ईडी (केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय) ने 32.175 करोड़ की रिकवरी के लिए यहां सगमा स्थित कमल स्पांज एंड स्टील पावर लिमिटेड के प्लांट और पावर प्लांट  समेत उसके स्वामित्व की सभी चल-अचल संपत्तियां और मशीनरी जब्त कर ली है। ईडी ने कमल स्पांज के पहले से सीज खातों की जमा रकम भी अपने नियंत्रण में ले ली है। ईडी की एक आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जांच अभी जारी है।
विवाद की जड़ में कोल ब्लॉक
आरोप थे कि यहां सगमा स्थित कमल स्पांज एंड स्टील पावर लिमिटेड और रेवती सीमेंट ने साझा तौर पर वास्तविक तथ्य छिपाते हुए कूट रचना के जरिए नवंबर 2008 में छिंदवाड़ा जिले के रुद्रपुरी इलाके में कोल ब्लाक हासिल कर लिया था। इस मामले में सीबीआई ने कमल स्पांज के डायरेक्टर पवन अहलूवालिया समेत अन्य विरुद्ध आईपीसी के सेक्सन420 -120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(डी)के तहत मुकदमा कायम करते हुए जब जांच शुरु की तो इन तथ्यों की पुष्टि हुई कि कोल ब्लॉक हासिल करने के लिए कमल स्पांज प्रबंधन ने पावर प्लांट ने कागजी जालसाजी के जरिए विद्युुत उत्पादन क्षमता और प्रापर्टी संंबंधी गलत जानकारी दी थी। इसी बीच ये मामला तब और संगीन हो गया जब सुप्रीम कोर्ट ने 25  अगस्त 2014 को कोल ब्लॉक के एलाटमेंट को ही रद्द कर दिया। उधर इसी मसले पर  अक्टूबर 2014  में तब एक और नया मोड़ आया जब सीबीआई ने पाटियाला हाउस स्थित स्पेशल कोर्ट के समक्ष इसी केस पर खात्मा पेश कर दिया, लेकिन अदालत ने खात्मा नामंजूर करते हुए समूचे प्रकरण को स्वयं संज्ञान में ले लिया।
अवैध तरीके से शेयर बेंच कर कमाए थे करोड़ों
ईडी के मुताबिक इस मामले का एक अहम पहलू ये भी है कि जांच में ये तथ्य भी सामने आए कि फर्जीवाड़ा के जरिए रुद्रपुरी में हासिल किए गए इसी कोल ब्लॉक की आड़ में 25 रुपए की दर से खरीदे गए कंपनी के शेयर 33 निवेशकों को 900 रुपए की दर से इश्यू कर वित्तीय वर्ष 2007-2008 से 11 के बीच 32.175  करोड़ रुपए कमाए गए। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में  कमल स्पांज एंड स्टील पावर लिमिटेड प्रबंधन के विरुद्ध  मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 के तहत केस दर्ज करते हुए  32.175  करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली थी। इसी रिकवरी की वसूली के लिए जब्ती की ये कार्यवाही की गई है।

 

Created On :   4 Oct 2017 1:14 PM IST

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