नगरीय निकायों में कलेक्टर गाइड लाइन से देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स 

Property tax will be given from collector guide line in urban bodies
नगरीय निकायों में कलेक्टर गाइड लाइन से देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स 
नगरीय निकायों में कलेक्टर गाइड लाइन से देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स 

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  नगरीय निकायों में अब कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा। पहले यह वार्षिक भाड़ा मूल्य के आधार पर लगता था। सोमवार को राज्य शासन ने मप्र नगरपालिका विधि द्वितीय संशोधन अध्यादेश जारी कर प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के नए प्रावधान लागू कर दिए हैं। सालों बाद यह बदलाव किया गया है। अब तक हर साल एक ही दर पर प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा रहा था। अब हर साल कलेक्टर गाइडलाइन में हुए बदलावों के अनुसार टैक्स वसूला जाएगा। इससे नगरीय निकायों की आय तो बढ़ेगी, लेकिन आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ेगा। नए प्रावधान अनुसार निर्मित क्षेत्र भी स्पष्ट किया गया है। पहले सम्पत्ति कर के निर्धारण के लिए निर्मित क्षेत्र को बिल्टअप एरिया कहा जाता था लेकिन अब यह कन्स्ट्रक्टड एरिया कहलायेगा। इसी प्रकार, अब सम्पत्ति कर में पचास प्रतिशत तक छूट तब दी जाएगी जबकि सम्पत्ति कर की अदायगी उसी वित्तीय वर्ष के अंदर कर दी जाती है। इसके अलावा, नगरीय निकायों के आयुक्तों/सीएमओ को अधिकार दिए गये हैं कि वे सम्पत्ति कर निर्धारण के मामलों में किसी भी भूमि या भवन की कर योग्य सम्पत्ति के मूल्य की जांच, सत्यापन, परीक्षण अथवा निर्धारण कर सकेंगे। यदि कर निर्धारण में दस प्रतिशत से ज्यादा हेरफेर नहीं है तो आयुक्त/सीएमओ कोई कार्यवाही नहीं करेंगे। लेकिन हेरफेर दस प्रतिशत से ज्यादा है तो आयुक्त/सीएमओ कर निर्धारण के अंतर के पांच गुना के बराबर शास्ति लगा सकेंगे। इसी प्रकार, आयुक्तों/सीएमओ के कर निर्धारण आदेश के आदेश के खिलाफ अपील तब तक स्वीकार नहीं की जायेगी जबकि व्यक्ति निर्धारित कर की पचास प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं कर देता है।अध्यादेश में नगरपालिकाओं एवं नगर परिषदों में भी आउटडोर मीडिया उपकरणों (होर्डिंग्स आदि) के प्रदर्शन के विनियमन हेतु फीस लगाने के अधिकार दिये गये हैं। 
 

Created On :   29 Sep 2020 1:10 PM GMT

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