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नए वकीलों को वजीफा देने की मांग को लेकर जनहित याचिका, सरकार-बार काउंसिल से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य भर के नए वकीलों के लिए वजीफा (स्टाईपन) योजना बनाने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार व बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा से जवाब मांगा है। इस विषय को लेकर 12 वकीलों ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि विधि स्नातक होने के बाद वकालत के लिए पंजीयन करनेवाले नए वकीलों को प्रति माह पांच हजार रुपए वजीफा देने की योजना बनाई जाए। नए वकीलों को तीन साल तक के लिए स्टाईपन प्रदान किया जाए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने जब यह याचिका सुनवाई के लिए आयी तो सरकारी वकील एमएम पाबले व बार काउंसिल के वकील ने याचिका पर जवाब देने के लिए समय की मांग की। सरकारी वकील व बार काउंसिल के वकील के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
अधिवक्ता असीम सरोदे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि कोरोना काल में नए वकील काफी प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा वकालत के शुरुआती दौर में नए वकील आर्थिक परेशानी का सामना करते हैं। इन तमाम परिस्थितियों के मद्देनजर नए वकीलों के लिए स्टाइपन योजना बनाई जाए। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार को पूरे राज्यभर के नए वकीलों को वित्तीय सहयोग देना ही चाहिए। याचिका में कहा गया है कि इस विषय को लेकर दिल्ली, केरल, तमिलनाडू, आंध्रा प्रदेश की हाईकोर्ट ने वहां के संबंधित प्राधिकरण को नए वकीलों को आर्थिक सहयोग देने को लेकर निर्देश जारी किया है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार व यहां का बार काउंसिल इस मामले क्यों पीछे है। बार काउंसिल को अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधानों के सहारे नए वकीलों के कल्याण के लिए कदम उठाने चाहिए। क्योंकि बार काउंसिल के पास पर्याप्त निधि उपलब्ध है। जिसका इस्तेमाल वकीलों को स्टाईपन देने के लिए किया जा सकता है। इससे उन्हें काफी मदद मिलेगी। स्टाइपन के लिए एक पात्रता भी तय की जाए।
Created On :   24 Jun 2022 8:49 PM IST